Ram teri ganga mali
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दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने आज यहां अपनी चौथी बैठक में सीवेज से जुड़े बुनियादी ढांचे, घाटों के विकास और शोध के क्षेत्र में 425 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाओं को मंजूरी दी।
उत्तर प्रदेश और बिहार में सीवेज (दूषित जल की निकासी) की तीन-तीन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। उत्तर प्रदेश में उन्नाव, शुक्लागंज और रामनगर के लिए जल अवरोधन यानी पानी का बहाव रोकने, बहाव में परिवर्तन और एसटीपी (सीवेज शोधन संयंत्र) से जुड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन तीनों परियोजनाओं का उद्देश्य 29 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) की सीवेज शोधन क्षमता (उन्नाव में 13 एमएलडी, शुक्लागंज में 6 एमएलडी और रामनगर में 10 एमएलडी) सृजित करना है। इन परियोजनाओं पर कुल मिलाकर 238.64 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

वहीं, बिहार में सुल्तानगंज, नौगछिया और मोकामा में 175 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से 27 एमएलडी की सीवेज शोधन क्षमता (सुल्तानगंज में 10 एमएलडी, मोकामा में 8 एमएलडी और नौगछिया में 9 एमएलडी) सृजित होगी।
इन सभी छह परियोजनाओं पर आने वाली परिचालन और रख-रखाव लागत को केन्द्र सरकार 15 साल तक वहन करेगी। इन परियोजनाओं के लिए 100 फीसदी केंद्रीय सहायता दी जाएगी। यहां पर इस बात का उल्‍लेख करना भी आवश्‍यक है कि उन्‍नाव और सुल्‍तानगंज परियोजनाओं का क्रियान्‍वयन हाइब्रिड वार्षिकी पर आधारित पीपीपी मॉडल के अंतर्गत किया जाएगा, जिसके तहत पूंजीगत लागत का 60 प्रतिशत एसटीपी का निर्माण करने वाले ठेकेदार को अगले 15 वर्षों की अवधि के दौरान दिया जाएगा। ठेकेदार को इस राशि का भुगतान शोधित अपशिष्‍ट जल के अपेक्षित मानकों पर खरा उतरने से संबंधित उसके कार्य प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
पानी और तलछट दोनों में ही गंगा नदी के गैर-दुर्गंधयुक्‍त गुणों को समझने के लिए 4.96 करोड़ रुपये की लागत वाले एक शोध अध्ययन को भी मंजूरी दी गई थी। यह अध्‍ययन राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग शोध संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा किए गए शोध कार्य के एक विस्‍तार के रूप में होगा, ताकि नदियों के पानी में निहित विशेष गुणों के बारे में पता लगाया जा सके। इस शोध के तहत इन विशेष गुणों के पीछे के वैज्ञानिक कारणों पर ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि इन खूबियों को अक्षुण्‍ण बनाए रखने की रणनीति तैयार की सके।

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