नई दिल्ली। कालेधन पर अकुंश लगाने और जानी नोटों के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचा रहे पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को बंद करने का फैसला अचानक नहीं हुआ है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली लम्बे समय से इस पर गहन मंथन कर रहे थे। गहन मंथन के बाद ही 8 नवम्बर-16 की रात को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद करने का ऐतिहासिक फैसला किया है। अब पांच सौ और दो हजार रुपए का नया नोट बाजार में आएगा। केन्द्र सरकार के इस फैसले को लागू करने की प्रक्रिया गत एक सप्ताह से चल रही थी। पीएम नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली ही जानते थे कि नोट कब बंद होंगे। जेटली ने सभी शहरों के आरबीआई चीफ के साथ बैठक की थी, जिसमें सरकार के इस फैसले के बारे में बताते हुए पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए। यह भी बताया कि 500 और 2000 रुपए के नए नोट 10 नवंबर को जारी होंगे। इसमें नैनो जीपीएस चिप लगी होगी। यह सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है। सैटेलाइट से सिग्नल छोडऩे पर एनजीसी से रिफ्लेक्ट होगा। इससे नोट की लोकेशन का पता चल जाएगा।120 मीटर जमीन के अंदर भी नोट का पता चल जाएगा। नोट बंद करने के बारे में आरबीआई चीफ तक को भी जानकारी नहीं दी गई थी। जिस दिन यह फैसला करना था, उस दिन उन्हें इस बारे में बताया।

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