नई दिल्ली। पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों पर बैन लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले और अमरीका में डोनाल्ड टम्प की जीत का असर भारत के शेयर बाजार पर भी दिखा। वहीं बाजारों में पांच सौ व एक हजार नोट नहीं लेने से कारोबार भी खासा प्रभावित रहा और लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ी। कालेधन को लेकर पीएम मोदी के फैसले और डोनाल्ड की जीत से भारत का घरेलू स्टॉक मार्केट और इंटरनेशनल मार्केट क्रेश हो गए। बुधवार को सेंसेक्स 1600 प्वांइट की गिरावट के साथ खुला। वहीं निफ्टी भी 500 प्वाइंट की गिरावट रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 111.44 लाख करोड़ रुपये पर था। बुधवार सुबह जब मार्केट खुला तो ये आंकड़ा 104.35 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। ऐसे में मार्केट खुलते ही इन्वेस्टर्स के 7 लाख करोड़ रुपये डूब गए हालांकिए कुछ देर बाद ही मार्केट संभला। कारोबारी एक्सपर्ट का कहना है कि 500 और 100 के नोट बंद होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। इस सेक्टर में कालेधन का खूब इस्तेमाल होता है। इस कदम से प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट तय है। ऐसे में इन्वेस्टर्स रियल एस्टेट में पैसा नहीं लगा पाएंगे और बिल्डर्स को मजबूरन प्रॉपटीज़् के रेट्स गिराने होंगे। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत से एशियाई और यूरोपीय मार्केट में गिरावट आई है। यूरोपीय देशों के साथ जापान, दहिण कोरिया के बाजारों में गिरावट रही। येन और यूरो के मुकाबले डॉलर में जोरदार गिरावट आई है। डॉलर के मुकाबले मेक्सिकन पीसो भी कमजोर हुआ है।

-सोने की कीमत में उछाल

500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के साथ लोग सोने-चांदी की खरीदारी में लग गए। इससे सोने चांदी की कीमतों में उछाल लगा। हालांकि चांदी के मुकाबले सोने के दाम में उछाल ज्यादा आया है। मुंबई में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत में 4000 रुपए का इजाफा हुआ। 10 ग्राम सोने की कीमत 30 हजार रुपए है। लेकिन बाजार में यह 35 हजार रुपए प्रतिग्राम तक बिका।
-जीडीपी का 20 फ ीसदी हिस्सा कालाधन
भारत सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का कालाधन 30 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो जीडीपी का 20 फ ीसदी है।हालांकि फि लहाल 16.6 लाख करोड़ कालाधन ही सकुर्लेशन है। एक्सपर्ट की मानें तो ये कालाधन ज्यादातर सोने या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के रूप में है।

– छोटेा या बड़ा व्यापारी, कोई भी नहीं ले रहे पांच सौ हजार का नोट

जयपुर। देश में पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद होने के फैसले के बाद से ही बाजारों में ये नोट प्रचलन में बंद हो गए। गुरुवार जैसे ही बाजार खुले तो लोग भी पांच सौ एक हजार रुपए के नोट लेकर खरीदारी करने पहुंच गए, लेकिन दुकानदारों ने हाथ जोड़कर इन्हें लेने से इंकार कर दिया। यहीं नहीं सामान खरीदने आए ग्राहकों से पहले खुले पैसे लिए और उसके बाद ही सामान दिया। बड़े शोरुमों और दुकानों पर बोर्ड लगा दिए गए कि पांच सौ एक हजार रुपए के नोट नहीं लेंगे। कई जगह ग्राहक और दुकानदार के बीच नोकझोंक के साथ लाचारी भी देखी गई। लोग 100 के नोटों को खोजते नजर आए। यहीं नहीं पेट्रोल पंप पर लोगों की पेट्रोल और डीजल लेने की लंबी कतारें नजऱ आई। लोग जहां 500 और हजार के नोट से पेट्रोल भराना चाहते थे। वहीं पेट्रोल पंप वालों ने 500 का नोट लेने से इंकार कर रहे हैं। पांच सौ और एक हजार के बराबर ही तेल लेने की कह रहे हैं। मजबूरन वहां भी झगड़े की नौबत हो रही है। घूमने आए पर्यटकों से भी सरकारी और निजी संग्रहालयों में पांच सौ और एक हजार के नोट के बदले टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। होटल व रेां में भी यहीं हालात है। एटीएम बंद होने से पर्यटक पैसे भी नहीं निकाल पा रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबार खासा प्रभावित रहा। काफी पर्यटक स्मारकों को देखे बिना ही लौट गए और इन्होंने होटलें खाली करना शुरु कर दिया है।

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