Literary and saint work to connect the country and give thought

जयपुर। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री अर्जुनलाल मेघवाल ने कहा कि साहित्यकार और संत देश को जोड़ने और नए विचार देने का कार्य करते हैं। यही वजह है कि देश और समाज उन्हें सदियों तक याद रखता है।
मेघवाल शनिवार को जयपुर के एसएस जैन सुबोध कॉलेज के सभागार में ‘चाणक्य वार्ता‘ पत्रिका के राजस्थान विशेषांक अंक के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चाणक्य जैसे महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ की नीतियों से ही सीखा जा सकता है कि देश का समाज और शासक कैसा होना चाहिए। उन्होंने इस दौरान दो उदाहरणों के माध्यम से भी भारत में चाणक्य की महत्ता को समझाया। उन्होंने कहा कि सौंदर्य की अपेक्षा गुणवान होना ज्यादा श्रेष्ठ है। यही वजह है कि चाणक्य बहुत अधिक आकर्षक नहीं होते हुए भी बेहतरीन सलाहकार थे।

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री शिवप्रताप शुक्ला ने कहा कि चाणक्य और राजस्थान दोनों सम्मान, शौर्य और त्याग का प्रतीक है। चाणक्य ने जहां दुनिया को कूटनीति का पाठ पढ़ाया तो राजस्थान की वीरता और बलिदान को पूरा विश्व कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि साहित्य के माध्यम से विचार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होते हैं। ऎसे में जितना श्रेष्ठ साहित्य समाज और राष्ट्र को मिलेगा देश उन्नति करता जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर सभी साहित्यकारों से सारगर्भित और राष्ट्रहित साहित्य के लेखन पर भी जोर दिया।

प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने इस अवसर पर कहा कि चाणक्य ही वह विद्वान रहे, जिन्होंने शिक्षा को संस्कारों का आधार बनाया। इन्हीं आधारों को लेकर चलने की आज समाज को जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऎसे कई नवाचार किए हैं जो भारतीय संस्कारों को पोषित करने और स्कूल को संस्कारों का मंदिर बनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्कूलों में ‘भारत दर्शन गलियारा‘ बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रत्येक छात्र देश से जुड़ी खास बातों को खेलते-खेलते सीखेगा। उन्होंने कहा कि देश को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को चाणक्य नीति अपनाते हुए चाणक्य बनना होगा।

इस अवसर पर देश और समाज में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रही शख्सियतों को ‘आचार्य चाणक्य सम्मान-2018‘ पुरस्कार से भी नवाजा गया। इनमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक प्रेमप्रकाश त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (समाचार) अरुण जोशी, उप निदेशक श्री शिवचरण मीणा, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी लोकेश शर्मा, गुलाब बत्रा, राधारमण शर्मा, पीडी सिंह और श्री ललित शर्मा समेत चार दर्जन से भी ज्यादा विभूतियां प्रमुख रहीं।

समारोह में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी, कालबेलिया नृत्यांगना गुलाबो, वरिष्ठ लेखक एवं स्तंभकार लक्ष्मीनारायण भाला, डॉ. अमर सिघ्ांल, डॉ अमित जैन, योगेश शर्मा, विनय चंद्र डागा सहित भारी संख्या में गणमान्य उपस्थित रहे।

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