Notice to Pawan Hans, a department of J & K government after complaints of passenger

मुंबई. हेलीकॉप्टरसेवा चलाने वाली कंपनी पवन हंस को बेचने की सरकार की कोशिशों को अपेक्षा से कमतर प्रतिक्रिया मिलने की रिपोर्टों के बीच श्रमिक संगठनों ने प्रबंधन से इसके निजीकरणप्रस्ताव परपुनर्विचार का अनुरोध किया है।

सूत्रों के अनुसार, पवन हंस हेलीकॉप्टर के कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया सिविल एविएशन एंप्लाइज यूनियन ने सरकार को सुझाव दिया है कि वहकंपनी की सीधी बिक्री करने के बजाय कंपनी के लिये पहले तैयार की गई पंच वर्षीय योजनापर अमल करे। इस योजना में कंपनी में ओएनजीसी की हिस्सेदारीको मौजूदा49 प्रतिशत से आगे बढ़ाने को कहा गया है। उसके बाद कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने के लिये सार्वजनिक निर्गम लाने का सुझाव दिया गया था। इसके साथ हीकर्मचारी संगठन ने नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर विनिवेश दिशानिर्देशों के प्रतिकूल मुनाफे में रहने वाली कंपनी को निजी हाथों में सौंपने के निर्णय का विरोध करते हुए ज्ञापन दिया।

सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में विदेशी कंपनियों समेत निजी कंपनियों से पवन हंस में प्रबंधन नियंत्रण समेत अपनी पूरी51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की निविदा मंगायी थी। कंपनी की शेष49 प्रतिशत हिस्सेदारी ओएनजीसी के पास है।

हालांकि, ऐसी रिपोर्टें हैं कि पर्याप्त बोली नहीं मिलने के कारण पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जा रही है।

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