नई दिल्ली। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद अब लोगों में नस्लीय तनाव सामने आना लगे हैं। विशेषकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह विदेशी लोगों को अमेरिका आने के मामले में नियम कड़े किए। उसके बाद तो स्थिति विकट होने लगी है। नस्लीय तनाव का असर अमेरिका के कंसास प्रांत में देखने को मिला। जहां ओलेथ शहर के ऑस्टिन बार एंड ग्रिल रेस्तरां में एक नौसेना के एक पूर्व सैनिक ने भारतीय मूल के 2 इंजीनियर्स समेत 3 लोगों पर गोलियां दाग दी। जिससे वे गंभीर रुप से घायल हो गए। इस घटना में 32 वर्षीय श्रीनिवास कुचीभोटला की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं आलोक मदासानी (32) और इएन ग्रिलॉट (24) का उपचार चल रहा है। इस घटना के बाद अमेरिका में बसे भारतीय परिवारों में दहशत का माहौल हो गया। वहीं मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दु:ख जताकर ट्वीट किया और श्रीनिवास के परिवार के साथ संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना से घटना की जानकारी ली। सुषमा स्वराज ने श्रीनिवास के शव को भारत लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। हमले का शिकार हुआ श्रीनिवास विगत 3 वर्षों से गार्मिन कंपनी में कार्यरत था। 2005 में हैदराबाद स्थित जवाहर लाल नेहरू टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री ली और बी.टेक पूरी करने के बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। यहीं टेक्सस यूनिवर्सिटी से 2007 में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। कुचीभोटला और मदसनी कंपनी की उड्डयन प्रणाली के लिए काम करते थे। श्रीनिवास की पत्नी सुनैना भी कंसास स्थित एक टेक्नॉलॉजी कंपनी में कार्यरत है। जो पांच माह से गर्भवती है। चश्मदीदों के अनुसार हमलावार रेस्तरां में घुसा और उन्हें देश से निकल जाने को कहा। हमलावार ने अपनी बंदूक तान दी। तभी हमले में घायल इएन ग्रिलॉट दोनों भारतीयों के बचाव में खड़े हुए। लेकिन हमलावर ने उन भी गोलियां दाग दी। इधर घटना को अंजाम देने वाला हमलावार 51 वर्षीय एडम पुरिंटन है। जो अमेरिकी नौसेना में कार्यरत रह चुका है। इधर एफबीआई मामले की जांच में जुट गई है कि कुचीभोटला की हत्या पूर्वाग्रह से प्रेरित घृणित अपराध है या नहीं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी पर सोची समझी साजिश के तहत हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

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