लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी साल में प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को मंगलवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का बड़ा तोहफ ा दिया। केबिनेट बैठक में आयोग सिफारिशों पर मुहर लग गई। इसकी मंजूरी के बाद कर्मचारियों को जनवरी से सातवें वेतन आयोग के मुताबिक नया वेतन मिलने लगेगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी के लिए कैबिनेट के मुख्य एजेंडे में न रखकर सप्लीमेंटरी एजेंडे में रखा गया था। वित्त विभाग के परीक्षण के बाद इसकी रिपोर्ट देरी से आ सकी। केबिनेट के मुख्य एजेंडे में प्रदेश में मेगा उद्योग लगाने के लिए यूपी अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति.2012 में संशोधन करके और रियायतें देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसी तरह गांधी जयंती दो अक्तूबर से खादी वस्त्रों पर दी जाने वाली विशेष छूट को मंजूरी दी जाएगी। प्रदेश में बंद पड़े सिनेमाघरों को चालू कराने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी जाएगी। केबिनेट में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान अदम्य साहस और वीरता दिखाते हुए मौत होने पर माता पिता को अनुग्रह राशि पांच लाख रुपये स्वीकृत करने का प्रस्ताव है। विधानसभा चुनाव से पहले सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के फैसले पर उत्तरप्रदेश के कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की है। अखिलेश यादव के इस फैसले से सरकार को चुनाव में फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है। उधर, राजस्थान में अभी तक सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का अता-पता नहीं है। प्रदेश के सभी कर्मचारी महासंघ सरकार को सिफारिशें लागू करने के लिए चेता रहे हैं, लेकिन अभी तक वित्त विभाग और कार्मिक विभाग ने इस संबंध में कोई पहल शुरु नहीं की है। वेतन सिफारिशों के लिए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ व अन्य कर्मचारी महासंघ की तरफ से आंदोलन भी चल रहा है।

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