नई दिल्ली। करीब ढाई दशक पहले घाटी से कश्मीरी पंडितों को जबरन छोडऩे के लिए मजबूर करने वाले आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने अचानक रुख बदलते हुए कश्मीरी पंडितों को फिर से घाटी में आने और उनकी हिफाजत की बात कही है। इस बदले रुख से कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं। आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद इस आतंकी संगठन के कमांडर बने जाकिर रशीद उर्फ मूसा ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कश्मीरी पंडितों से वापसी की अपील की है। हम कश्मीरी पंडितों से गुजारिश करते हैं कि वे घाटी में अपने घर लौट आएं। हम उनकी हिफ ाजत की जिम्मेदारी लेते हैं। तीन महीने पहले भी इस संगठन ने यह बयान दिया था कि कश्मीरी पंडित चाहें तो लौट आएं लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है जब संगठन ने उनकी हिफ ाजत करने की बात कही है। कश्मीर में 1990 में आतंकवाद शुरू होने के बाद करीब 10 लाख पंडितों को अपने घर छोडऩा पड़ा था। सैकड़ों-हजारों पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था। आतंकी मूसा ने अपने मैसेज में कहा कि कश्मीरी पंडितों को उन पंडितों से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा। उन पंडितों की क्या किसी ने जान ली। उसने यह भी अजीब दावा किया कि मुस्लिमों को टारगेट करने की सोची-समझी साजिश के तहत पंडितों को कश्मीर घाटी से बाहर किया गया था।

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