नई दिल्ली। तमिलनाडू की पूर्व मुख्यमंत्री व एआईएडीएमके नेता जयललिता के निधन के बाद अब राज्य की राजनीति में रस्साकशी का खेल शुरू हो गया है। हाल ही पार्टी महासचिव पद पर काबिज शशिकला के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने मोर्चा खोल दिया। वहीं चुनाव आयोग ने भी शशिकला को करारा झटका दिया है। सूत्रों के अनुसार शशिकला ने पार्टी का अंतरिम महासचिव बनाए जाने संबंधित नियमों की पालना नहीं की। इस संबंध में आयोग ने एआईएडीएमके को नोटिस जारी कर शशिकला को महासचिव बनाए जाने संबंधित प्रस्ताव सहित अन्य विवरण मांगे। इधर पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीर सेल्वम ने कहा कि पार्टी के 50 विधायकों का समर्थन उनके साथ है। सेल्वम ने शशिकला पर निशाना साधते हुए जयललिता की अस्पताल में मौत पर सवाल उठाया तो इसकी जांच के लिए आयोग बैठाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि अम्मा से मुझे अस्पताल में एक दिन भी मिलने नहीं दिया गया। पक्ष और विपक्ष की भूमिका के तौर पर वे पार्टी के सच्चे सिपाही रहे हैं। पार्टी को आदेश मिला तो इस्तीफा वापस भी ले लूंगा। केन्द्र सरकार तमिलों के साथ है। वैसे बागवती तेवर दिखाने वाले पन्नीर सेल्वम को विधानसभा में बहुमत के लिए 118 विधायकों की दरकार होगी। एआईएडीएमके के विधानसभा में 134 विधायक है। ऐसे में अपने साथ 50 विधायकों का बहुमत होने का दावा करने वाले सेल्वम किस तरह इस आंकड़े तक पहुंच पाते हैं, यह आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे पार्टी महासचिव शशिकला ने सेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री के इन दावों के बाद पार्टी महासचिव शशिकला ने विधायकों की आपात बैठक बुलाई। जिसमें शशिकला ने विधायकों से उनका साथ देने की अपील की। शशिकला ने विधायकों से कहा कि पिछले दो दिनों में जो भी हुआ। वो उनके विरोधियों और गद्दारों की साजिश है। उनके पीछे न जाकर एक साथ रहे। सेल्वम डीएमके के इशारे पर यह कर रहे हैं। हाल ही विधानसभा सत्र के दौरान वे अपने विरोधियों से मुस्कारने के साथ गर्मजोशी से मिले।

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