– जांच एजेंसी को घर से 11 लाख कैश मिला
मुंबई. महाराष्ट्र के पात्रा चॉल घोटाले में आरोपी शिवसेना सांसद संजय राउत से ईडी पूछताछ कर रही है। इसी दौरान रविवार यानी 31 जुलाई की शाम 4 बजे खबर आई कि राउत को ईडी ने हिरासत में ले लिया है। राउत घर से निकले, तो भगवा दुपट्टा लहराया और समर्थकों को विक्ट्री साइन दिखाया। इस मामले में ट्विस्ट तब आया, जब उनके वकील विक्रांत सबने ने दावा किया कि राउत को जांच एजेंसी ने हिरासत में नहीं लिया है। सबने ने कहा कि ईडी ने रविवार सुबह संजय राउत को नया समन दिया है। राउत बयान दर्ज कराने ईडी कार्यालय गए हैं। उन्हें न तो गिरफ्तार किया गया है और न हिरासत में लिया गया है। ईडी ने संपत्ति के कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, लेकिन उन्हें पात्रा चॉल घोटाले से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला।
इधर, सूत्रों ने बताया कि रविवार को संजय राउत के घर की तलाशी के दौरान ईडी को साढ़े ग्यारह लाख रुपए नगद मिले हैं। राउत या उनके परिवार के लोग इस रकम का सोर्स नहीं बता सके हैं। ईडी ने इस रिकवरी को अपनी जांच में दर्ज कर लिया है। पात्रा चॉल घोटाला 1043 करोड़ रुपए का है। राउत इस केस में आरोपी हैं।
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार गिरने के ठीक 31 दिन बाद यानी रविवार को जब राउत ईडी ऑफिस के लिए निकले तो उनके तेवर देखने लायक थे। राउत घर से निकले तो भगवा दुपट्टा लहराते नजर आए। रवाना हुए, तो लग्जरी एसयूवी की छत से विक्ट्री साइन दिखाया। इतना ही नहीं, अपने समर्थकों की नारेबाजी पर मुट्ठी बांधकर दोनों हाथ हवा में लहराते रहे। इसके कुछ देर बाद राउत ने बाल ठाकरे और उद्धव की तस्वीर के साथ ट्वीट किया। इसमें लिखा आप उस व्यक्ति को नहीं हरा सकते जो कभी हार नहीं मानता। झुकेंगे नहीं, जय महाराष्ट्र।
संजय राउत बोले, ‘मार-मार कर पीट-पीट कर मेरे खिलाफ सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं। यह शिवसेना और महाराष्ट्र को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। इससे न शिवसेना कमजोर होगी और न ही महाराष्ट्र कमजोर होगा। मैं झुकूंगा नहीं और न ही पार्टी छोड़ूंगा।’ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत से रविवार को 9 घंटे पूछताछ की। भांडुप में उनके बंगले मैत्री पर सुबह सात बजे ईडी टीम पहुंची थी। 10 अफसरों ने राउत और उनके विधायक भाई सुनील राउत के कमरों की तलाशी ली। टीम ने उनसे और उनके परिवार वालों से भी पूछताछ की। कहा गया है कि राउत राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए थे। ईडी ने रविवार को राउत का दादर वाला फ्लैट सील कर दिया। आरोप है कि संजय राउत ने पात्रा चॉल जमीन घोटाले के पैसे से यह फ्लैट खरीदा था। ईडी की टीम राउत के अलावा उनके दो करीबियों के घर भी पहुंची है। वहां भी जांच-पड़ताल की जा रही है।ईडी की कार्रवाई शुरू होने के बाद संजय राउत ने ट्वीट करके अपनी सफाई दी। राउत ने कहा- मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर यह कह रहा हूं। बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया है। मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा। यह झूठी कार्रवाई है। झूठा सबूत है। मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा। मैं मर भी जाऊं तो समर्पण नहीं करूंगा।
-शिंदे बोले- गलत नहीं किया तो डर क्यों रहे हैं
यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की नौ करोड़ रुपए और राउत की पत्नी वर्षा की दो करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

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