Social Accountability Bill
Social Accountability Bill

जयपुर। सामाजिक जवाबदेही बिल के ड्राफ्ट पर चर्चा के लिए शनिवार को हरिशचन्द माथुर लोक प्रशासन संस्थान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, पुलिस सेवा के अधिकारी, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों, कानूनविदों तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बिल के प्रावधानों पर चर्चा की तथा बिल को अधिक व्यापक तथा सशक्त बनाने के लिए सुझाव दिये।

प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय और जन अभियोग निराकरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से सामाजिक जवाबदेही बिल के प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से चर्चा की गई ताकि इस बिल को अधिक सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि चर्चा के दौरान सामने आये सुझावों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने प्रतिभागियों को बिल के उद्देश्यों, चुनौतियों और कानूनी मुद्दों के बारे में जानकारी दी और कहा कि बिल में यदि कोई लूपहोल्स रह गए हैं तो उन्हें पहचान कर सुधार किया जाना आवश्यक है।

अतिरिक्त मुख्यसचिव ने बताया कि इस बिल का उद्देश्य है कि सरकारी सेवाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक निर्बाध रूप से पहुंचे और जनता की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निपटारा हो। उन्होंने कहा कि जनता को पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था देने तथा जनभागीदारी को सशक्त करने के उद्देश्य से इस बिल को बनाया गया है। इस विधेयक में सिटीजन चार्टर, हियरिंग राइट्स, सोशल ऑडिट, कम्यूनिटी रेटिंग, इन्फोरमेशन फेसिलेशन सेन्टर जैसी मुख्य विशेषताएं मौजूद है जिससें अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सेवाओं का समयबद्ध लाभ पहुंच सकेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही के लिए पहले से मौजूद कानूनों को समन्वित कर इस विधेयक का प्रारूप बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में शिकायतों के निस्तारण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग का भी इस विधेयक में प्रावधान किया गया है।

कार्यशाला में आयुक्त उद्योग कृष्णकान्त पाठक, आयुक्त सूचना एवं प्रौद्योगिकी अम्बरीश कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक धरम जैन, निदेशक पब्लिक सर्विसेज श्रीमती शकुंतला सिंह, सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संतोष मैथ्यू, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी, संबंधित विभागों के अधिकारी, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा कानूनविद् उपस्थित थे।

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