Dharmendra Pradhan will inaugurate road show for second phase of Indian strategic petroleum storage

dehli| पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्‍पादों पर कर/शुल्‍क लागू करने का भारत का लंबा इतिहास रहा है और कीमतों में वृद्धि से घरेलू उपभोक्‍ताओं को बचाने अथवा विकास परियोजनाओं के लिए सरकार के राजस्‍व में वृद्धि के लिए इन करों/शुल्‍कों को समय-समय पर युक्ति संगत बनाया गया है।

प्रधान आज यहां ‘डीजल और पेट्रोल के मूल्‍यों के बीच भिन्‍नता’ विषय पर एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। डीजल और पेट्रोल के मूल्‍यों के बीच भिन्‍नता के बारे में डॉक्‍टर कीरीट पारिख की अध्‍यक्षता में विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को उजागर करते हुए प्रधान ने कहा कि करों/शुल्‍कों के अलावा अन्‍य कारकों जैसे प्रौद्योगिकी, विध्‍वंसकारक प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा के प्रभाव आदि पर भी गौर किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि एक बार जब पेट्रोलियम उत्‍पाद जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे, कर की दरों में अंतर का मुद्दा अपने आप ही हल हो जाएगा। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि डीजल का इस्‍तेमाल कृषि संबंधी कार्यों और सार्वजनिक परिवहन के लिए होता है और यही कारण है कि डीजल पर करों/शुल्‍कों को पेट्रोल की तुलना में कम रखा गया है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सस्‍ता डीजल एसयूवी और कारों के लिए नहीं है। उत्‍सर्जन की चिंताओं के मद्देनजर धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि भारत स्‍टेज VI (बीएस VI) अप्रैल 2020 में शुरू किया जाएगा और ये सीएनजी की तरह स्‍वच्‍छ होगा।

उन्‍होंने कहा कि 30 हजार करोड़ रूपये के निवेश से बीएस VI उत्‍पादन के लिए रिफाइनरियों का उन्‍नयन किया जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि जून 2017 से मोटर स्पिरिट (एमएस) और उच्‍च गति के डीजल (एचएसडी) के दैनिक मूल्‍यों के शुरू होने के बाद अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्‍यों के साथ बेहतर तालमेल बना है तथा तेल उद्योग का संचालन प्रबंधन बेहतर हुआ है। इस अवसर पर उन्‍होंने एक पुस्‍तक ‘ए केस फॉर रेशनलाइज ऑफ द सेन्‍ट्रल एक्‍साइस ड्यूटी’ का भी विमोचन किया। कार्यशाला का आयोजन एकीकृत अनुसंधान और विकास के लिए कार्य (आईआरएडीए) ने किया था।

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