जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कृषि क्षेत्र ने कोविड-19 महामारी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान किया है। राज्य सरकार भी कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आने वाले दिनों में अधिकाधिक कृषि बिजली कनेक्शन जारी करेगी। इसके लिए उन्होंने विद्युत वितरण निगमों को विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वितरण नेटवर्क की मौजूदगी वाले क्षेत्रों में घरेलू कनेक्शन की पेंडिंग लिस्ट के अनुसार कनेक्शन जारी किए जाएं।
गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर विद्युत वितरण निगमों की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि वे जल्द-से-जल्द लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने के प्रयास करें, क्योंकि आगामी दिनों में मानसून के बाद नए फसल सीजन के लिए बिजली की मांग बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि विद्युत कंपनियों द्वारा सभी उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित एवं तार्किक समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने विद्युत जनित दुर्घटनाओं को रोकने और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि बाजारों आदि में झूलते तारों कोे ठीक करने और हाई रिस्क पाॅइन्ट्स पर विद्युत सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में बिजली कंपनियों के कार्मिकों और आम लोगों को विद्युत दुर्घटनाओं के खतरों से बचाने के लिए सभी आवश्यक एहतियात बरती जाए।
गहलोत ने कोविड महामारी तथा ताउते तूफान की प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रदेशभर में कोविड अस्पतालों, आॅक्सीजन प्लांट, अन्य चिकित्सा केंद्रों सहित घरेलू एवं अन्य प्रतिष्ठानों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए विद्युत निगमों की सराहना की। उन्होंने भविष्य में सामान्य परिस्थितियों में भी विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने और उपभोक्ताओं की शिकायतों का संवेदनशीलता के साथ त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरों के साथ ही गांव-ढाणी तक उपभोक्ताओं को बिना ट्रिपिंग के विद्युत आपूर्ति करना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कोविड काल में विद्युत उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली बिलों की पूर्व बकाया राशि के आधार पर कनेक्शन नहीं काटने की तिथि को 31 मई से बढ़ाकर 25 जून, 2021 करने का निर्णय लिया है। साथ ही, उन्होंने कृषि सहित सभी श्रेणी के जिन उपभोक्ताओं को अप्रेल और मई माह में जारी बिलों की राशि 20 हजार रूपए तक है, उन्हें 25 जून तक सम्पूर्ण बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर विलंब भुगतान के प्रभार में 100 फीसदी छूट देने के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि कृषि बिजली कनेक्शनों पर विजिलेंस जांच के दौरान की गई कार्रवाई के बाद उपभोक्ताओं द्वारा की गई शिकायतों के तार्किक निराकरण के लिए डिस्काॅम के द्वारा की गई विजिलेंस ऐप सुविधा से किसानों को लाभ मिला है। विजिलेंस अधिकारी को जांच की सम्पूर्ण कार्रवाई का फोटो-वीडियो और लोकेशन का रिकाॅर्ड आॅनस्पाॅट इस ऐप पर अपलोड करना पड़ता है, जिससे जांच कार्रवाई की निष्पक्षता बढ़ी है और शिकायतों में कमी आई है। उन्होंने घरेलू उपभोक्ताओं की विजिलेंस जांच के दौरान बिल कलेक्शन करने वाली प्राइवेट कंपनी के कार्मिकों के साथ डिस्काॅम का व्यक्ति भी मौजूद रहे तथा कंपनी द्वारा की गई कार्रवाई का ‘थर्ड पार्टी आॅडिट’ करवाने का भी सुझाव दिया।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि प्रदेश मंे दिसम्बर 2018 से अप्रेल 2021 तक 1.90 लाख कृषि कनेक्शन जारी किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में 50 हजार कृषि कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमंे से अपे्रल माह में ही 3 हजार कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 31 दिसम्बर, 2012 की कट-आॅफ डेट तक मांग पत्र जमा वाले लगभग 70 हजार मामले लंबित हैं, जिन पर नए कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं। कोविड-19 के कारण सामान और संसाधनों के कारण कृषि कनेक्शनों के जारी करने की प्रक्रिया धीमी रही है।
कुमार ने बताया कि बीते 2 वर्ष से अधिक की अवधि में लगभग 13.8 लाख घरेलू कनेक्शन भी जारी किए हैं, इनमें से 8 लाख कनेक्शन ‘सौभाग्य योजना’ तथा 2 लाख कनेक्शन बीपीएल श्रेणी के तहत जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना से वंचित 1.93 लाख से अधिक आवासों को विद्युत कनेक्शन देने के लिए 1,213.56 करोड़ रूपए लागत का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। पंजीकृत गौशालाओं के लिए बिजली की दरें घरेलू दर से आधी कर दी गई है तथा 150 यूनिट तक मासिक उपभोग वाले सभी घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए द्विमासिक बिलिंग की जा रही है।

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