Unable to sit for 3 years, Special hip returns home

शहर के डॉक्टरों ने ठीक की कूल्हे की जटिल बीमारी
जयपुर। मोनू 13 साल से न तो बैठ पा रहा था और न ठीक से चल पा रहा। रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी हो गई थी। दस साल का था, तभी कूल्हे में ऐसा विकार आया कि कई हड्डियों की जगह हड्डी की सिंगल यूनिट बन गई और कूल्हे का मूवमेंट पूरी तरह बंद हो गया। शहर के डॉक्टरों ने इस जटिल केस को स्पेशल कूल्हा तैयार करके इंप्लांट करने में सफलता प्राप्त की है। अब मोनू ठीक से बैठने, चलने लगा और उसकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई है। दरअसल सवाईमाधोपुर के 23 वर्षीय मोनू (परिवर्तित नाम) को कूल्हे के जोड़ की ऐसी परेशानी हुई कि कूल्हा न तो 90 डिग्री पर मुड़ पाता और न वह बैठ पाता। सीधा लेटना या खड़े रहना उसकी लाचारी बन गया। इसे एंकाइलोजिड हिप विकार माना जाता है। कई जगह दिखाने पर भी राहत नहीं मिली तो पिछले दिनों रुकमणि बिडला हॉस्पीटल के सीनियर ज्वाइंट रिपलेसमेंट सर्जन डॉ. एस.एस. सोनी ने उसका परीक्षण किया तो पाया कि कूल्हे के अंदर की कई हड्डियों की जगह एक यूनिट बन गई थी। बीमारी को 13 साल होने से मांसपेशियां भी काम नहीं कर रही थीं। रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी हो गई। इसी कारण कूल्हे का मूवमेंट नहीं हो रहा था। यह एक तरह का जटिल और बहुत कम मरीजों में पाए जाना वाला विकार था।

ऐसे बनाया स्पेशल कूल्हा
डॉ. एस.एस. सोनी ने बताया कि मोनू के कूल्हे के विकार को ठीक करने के लिए हड्डी काटकर विशेष प्रकार का कप बनाया। हड्डी की सिंगल यूनिट की जगह स्टाइकर का स्पेशल कूल्हा मोड्यूलर डुअल मोबिलिटी हिप (एमडीएम) बना कर प्रत्यारोपित किया गया। स्पेशल कूल्हा जोड़ प्रत्यारोपित होने से उसका मूवमेंट पूरी तरह होने लगा और मरीज को चलने में लचक बंद हो गई और वह कुछ दिन में ही आराम से बैठने भी लगा। इस तरह 13 साल से उसकी नीरस जिंदगी फिर से खुशहाल हो गई। मरीज अब पूरी तरह ठीक है और नियमित फॉलोअप के लिए आ रहा है।
ऐसे बरते सावधानी
डॉ. सोनी ने बताया कि जोड़ों की ऐसी परेशानी से बचने के लिए यदि कूल्हे में किसी तरह का दर्द हो, चलने में परेशानी हो तो तुरंत हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। जितना देरी होगी, उतना जोड़ कमजोर होता जाएगा। नियमित व्यायाम और पैदल चलने की आदत डालें। उन्होंने कहा कि मोनू के मामले में भी बीमारी को लंबा समय होने से जटिलता आ गई। यदि अभी भी इलाज नहीं होता तो साइटिका की समस्या सहित ऐसा भी होता कि वह कभी बैठ या ठीक से चल ही नहीं पाता। अब वह पूरी तरह से ठीक है।

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