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पटना. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, बाढ़ के सहयोग से आज “न्यू इंडिया मंथन-संकल्प से सिद्धि” कार्यक्रम का आयोजन बामेती, पटना में किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अपनाए जाने वाले तरीकों को किसानों तक पहुँचाने हेतु आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह जी थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के माननीय कृषि मंत्री प्रेम कुमार जी तथा दीघा विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक डॉ. संजीव चैरसिया जी भी उपस्थित थे। साथ ही बिहार कृषि विष्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार सिंह, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ. विशाल नाथ तथा बामेती, पटना के निदेशक श्री गणेश राम, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ. अमिताभ डे, प्रमुख तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ. उज्ज्वल कुमार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना के कार्यकारी निदेशक डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह जी ने अपने अभिभाषण से पहले उपस्थित लोगों को 2022 तक नए भारत के निर्माण का एवं कृषि आय दोगुना करने की शपथ दिलायी। इसके साथ ही उन्होंने निम्नलिखित सातसूत्री मंत्र भी किसानों को दिया.

-पर्याप्त संसाधन के साथ सिंचाई पर ध्यान केंद्रित करना

– गुणवत्तापूर्ण बीज, रोपण सामग्री, जैविक खेती एवं प्रत्येक खेत को मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से उत्पादन में वृद्धि

-फसलोपरांत होने वाली हानि को रोकने के लिए वेयर हाउसिंग और कोल्ड चेन का सुदृढ़ीकरण

-खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्य संवर्द्धन की योजना पर कार्य

-ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से कृषि बाजार क्षेत्र की विकृतियों पर अंकुष

-कृषि क्षेत्र में जोखिम कम करने एवं कृषि क्षेत्र के विकास के लिए संस्थागत ऋण की उपलब्धता पर कार्य

-कृषि के अनुसंगी कार्यकलाप जैसे डेयरी विकास, पोल्ट्री, मधुमक्खी, मत्स्य पालन, कृषि वानिकी एवं एकीकृत कृषि प्रणाली

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