ये न्याय की लड़ाई है, कानून की लड़ाई नहीं : तिवाड़ी
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11 अगस्त, जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी द्वारा प्रदेशव्यापी “लोकसंग्रह अभियान — एक नयी राजनीतिक शक्ति का निर्माण” के कार्यक्रम में आज जयपुर शहर युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं नें जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी की पूजा अर्चना की। वहाँ से वाहन रैली के रूप में घनश्याम तिवाड़ी के निवास स्थान मातृमंदिर पर पहुँचे। वहाँ युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं नें पूरे जोश-खरोश के साथ घनश्याम तिवाड़ी को उनके संघर्ष में साथ देने संकल्प लिया तथा लोकसंग्रह अभियान को अधिक से अधिक संख्या में जयपुर शहर के युवाओं के मध्य ले जाने की कार्ययोजना पर चर्चा की।

घनश्याम तिवाड़ी ने किया प्रदेश के युवाओं का आह्वान

युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि क्रांति का वाहक सदैव युवा ही होता है। जब पुरानी व्यवस्थाएँ सड़ने लगती हैं तब एक नए समाज और एक नयी राजनीति के निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका आवश्यक हो जाती है। आपातकाल के समय देश में खड़े हुए जयप्रकाश नारायण के आंदोलन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में जो भी शीर्ष नेता हैं उनमें से अधिकांश आपातकाल के संघर्ष से निकल कर आगे बढ़े। तिवाड़ी नें कहा कि आज प्रदेश में एक आपातकाल की ही स्थिति है। जहाँ एक व्यक्ति ने पूरी व्यवस्था को हथिया कर अपने स्वार्थों और निजी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए लगा दिया है। हमारे राज्य को इस स्थिति से बचाने के लिए जो युवा आज संघर्ष करेगा वो ही आने वाले कल का नेता होगा।

राजनीति का वास्तविक काम हमारी निम्न भावनाओं को भड़काने का नहीं, अपितु स्वयं को और मानव समाज को उत्तरोत्तर श्रेष्ठ बनाने का – अखिलेश तिवाड़ी

वाहिनी के सचिव अखिलेश तिवाड़ी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजनीति का वास्तविक कार्य लोकसंग्रह का है। श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार लोकसंग्रह का कार्य मनुष्य की अपनी सर्वश्रेष्ठ चेतना और सम्भावनाओं के साथ एकता स्थापित करने का कार्य है। राजनीति का काम हमारी घृणा, विद्वेष, वैमनस्यता की निम्न भावनाओं को भड़का कर भारत के समाज को जाति, पंथ-सम्प्रदाय, हिंसक राष्ट्रवाद, इत्यादि के आधार पर बाँटने का नहीं है।उन्होंने कहा कि हम युवा राजनेताओं को मनुष्य को बाँटने का नहीं, एक करने का कार्य करना है। हमें द्वेष और वैमनस्यता की नहीं बल्कि प्रेम, सौहार्द और सामाजिक समरसता की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम करना है।

उन्होंने कहा कि देश में चल रही राजनीति का वर्तमान स्वरूप भारतीय नहीं है। सच्ची भारतीय राजनीति तो भारत के आध्यात्मिक महापुरुषों से प्रेरणा लेकर सारी कठिनाइयों के बीच भी व्यक्ति और समाज को उत्तरोत्तर एकता और दिव्यता की ओर ले जाने की ही हो सकती है। इस प्रकार की राजनीति हमारे लिए व्यक्तिगत रूप से आध्यात्म की साधना बन सकती है और हमारे स्वयं के जीवन को भी सार्थक बना सकती है।

क्रांति रथ में सवार होकर घनश्याम तिवाड़ी 1100 कार्यकर्ताओं के साथ12 अगस्त को जाएँगे

घनश्याम तिवाड़ी 12 अगस्त को 1100 कार्यकर्ताओं के साथ लोहार्गल तीर्थ जाकर भगवान सूर्यनारायण की आराधना करंगे। अगले 3 माह में श्री तिवाड़ी जी राजस्थान का दौरा करेंगें जिसमें राजस्थान के आमजन से सम्पर्क करते हुए प्रदेश के विभिन्न तीर्थस्थानों की भी यात्रा करेंगे। इन यात्राओं में वे प्रदेश के विभिन्न समाजों और वर्गों के प्रबुद्ध लोगों के साथ एक नयी राजनीतिक शक्ति के निर्माण पर चर्चा करेंगे तथा वाहिनी के संगठन को बूथ तक विस्तार और मज़बूती की कार्ययोजना तय करेंगे। कार्यक्रम में आए युवाओं का नेतृत्व युवा वाहिनी के जयपुर शहर अध्यक्ष सुमित खंडेलवाल ने किया। वाहिनी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक यादव, विष्णु जायसवाल, जयपुर शहर जिला अध्यक्ष विमल अग्रवाल, जयपुर शहर स्त्री शक्ति वाहिनी अध्यक्षा वर्तिका सेन तथा किसान नेता पंकज धनखड़ कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

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