State government's big leader and government policy responsible for ration scam: Khatriyavas

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राशन के गेंहू की कालाबाजारी के बड़े घोटाले से राजस्थान की भाजपा सरकार नहीं बच सकती। पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के समय खाद्य सुरक्षा गारन्टी कानून के तहत मिलने वाले गेंहू से गरीबों को वंचित कर दिया। अब जब सम्पूर्ण खुलासा हो गया है कि गरीबों को मिलने वाले गेंहू की सैकडों बोरियां पूरे राजस्थान में बड़े पैमाने में कालाबाजारी के जरिये बड़े पैसे वालों को बेच दी जाती है, तब सरकार ने एक आईएएस सहित 19 अधिकारियों को निलम्बित करके इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया है। इससे सरकार ईमानदार साबित नहीं होती, बल्कि सरकार के ऊपर पूरी तरह से भ्रष्टाचार साबित होता है।

खाचरियावास ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारन्टी कानून के तहत अकेले जयपुर शहर में 54 प्रतिशत लोगों को राशन का गेंहू वितरित किया जाता था। केन्द्रीय कानून के तहत गरीबों को मिलने वाला गेंहू किसी भी शहर में कम नहीं किया जा सकता, लेकिन जयपुर में सिर्फ 7 प्रतिशत तथा राजस्थान के सभी 33 जिलों में बिना कोई कारण बताये, कानून को धत्ता बताते हुये राज्य सरकार के आदेशों से गरीबों को मिलने वाले गेंहू की मात्रा बहुत ही कम कर दी गयी और जो गेंहू कम किया गया, वो कालाबाजारियों को सप्लायी होता रहा। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिये पूरे प्रदेश के 33 जिलों में फालतू के कारण बताते हुये-कभी अंगूठा निशानी के नाम पर, कभी भामाशाह कार्ड के नाम पर, कभी गरीब नहीं होने के नाम पर राशन का गेंहू लेने वाली जनता को गेंहू से वंचित कर दिया। वही गेंहू पूरे प्रदेश में पिछले रास्ते से सरकार के बड़े नेताओं और अधिकारियों की मेहरबानी से कालाबाजारियों के जरिये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। खाचरियावास ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार कांग्रेस शासन के समय सभी 33 जिलों में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारन्टी कानून के तहत जितना प्रतिशत गेंहू गरीब व कार्डधारकों को मिलता था, उस गेंहू में यदि कटौती नहीं करती तो राशन गेंहू घोटाला नहीं होता। राज्य सरकार के बडे नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से पिछले चार वर्श से राशन घोटाला चल रहा है। इसलिये किसी हाईकोर्ट के न्यायाधीश से राशन घोटाले की सम्पूर्ण जांच कराई जायी तो राज्य सरकार के बड़े नेताओं और राज्य सरकार की नीतियों को इस भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार ठहराया जायेगा।

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