1. – वीरेन्द्र सिंह
    नई दिल्ली। सोशल ट्रेड बिजनेस के नाम पर नियम-कायदों को धत्ता बताकर देशभर में लाखों लोगों से 37 अरब से अधिक राशि ऐंठने वाले सोशल ट्रेड कंपनी अब्लेज इन्फ ्रो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अनुभव मित्तल की पत्नी आयुषी मित्तल के घर को भी सील कर दिया है। एसटीएफ ने सोमवार को आयुषी मित्तल के कानपुर स्थित आवास को सील कर दिया है, साथ ही कंपनी और अनुभव मित्तल के बैंक खातों व दस्तेवाजों के अनुसंधान में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। एसटीएफ यूपी के अलावा कई जांच एजेंसियां आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय कार्पोरेट एजेंसी आदि इनकी जांच में लगी है। बैंक खातों और दस्तावेजों से यह भी सामने आया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवम्बर से पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों पर बैन लगाने के आदेश के बाद इस कंपनी में निवेशकर्ताओं का रुझान तेजी से बढ़ा है। 31 दिसम्बर (पुरानी करंसी जमा कराने की अंतिम तिथि ) तक करोड़ों रूपए कंपनी के पास आया है। वो भी नई आईडी के मार्फत। यूपी, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, पंजाब क्षेत्र से हजारों की तादाद में नए निवेशकों ने कंपनी में पैसा लगाया, वो भी कंपनी की बड़ी आईडी में। इससे यह संभावनाएं जताई जा रही है कि नोटबंदी के दौरान उन लोगों ने ज्यादा निवेशक किया है, जिनके पास ब्लैकमनी ज्थी और वे किसी ना किसी बहाने इसे खपाने में लगे हुए थे। अनुसंधान में यह भी तथ्य आया है कि नोटबंदी के दौरान जो कंपनी में निवेश हुआ है, उसमें अधिकांश करंसी प्रतिबंधित पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों में ही हुई है। इससे इन तथ्यों को बल मिल रहा है कि हवाला कारोबार, सटोरियों और काला धन वालों ने इस कंपनी में अपनी पुरानी करंसी को खपाया है और इसके माध्यम से मुनाफा भी कमाने की सोची। हालांकि नोटबंदी के बाद एसटीएफ यूपी की कार्रवाई से कंपनी की धोखाधड़ी तो पकड़ी गई है, साथ ही उन लोगों तक भी पुलिस व दूसरी जांच एजेंसियां पहुंचेगी, जिन्होंने नोटबंदी में भारी मात्रा में निवेश किया है। एजेंसियां उन खातों और निवेशकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगने वाली है। एक एजेंसी से जुड़े अफसर ने बताया कि नोटबंदी के दौरान दो सो करोड़ रुपए का निवेश कंपनी में हुआ है, जो जांच का विषय है। इस दौरान सटोरियों, सूदखोरों, प्रोपर्टी डीलरों, हवाला कारोबारियों और ब्लैकमनी रखने वालों द्वारा कंपनी में निवेशक करने का अंदेशा है। इन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों एवं अपने विश्वास पात्र लोगों के नाम से आईडी लेकर योजनाबद्व तरीके से कंपनी में इनवेस्ट किया है। यह भी सामने आया है कि राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में सक्रिय हवाला कारोबारी, बुकीट और सूदखोरों ने नोटबंदी में करोड़ों-अरबों की राशि कंपनी में लगाई है। देश भर में हुए इस तरह के खेल के अंदेशे को देखते हुए सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी है। एसआईटी और आईटी विभाग उन लोगों की आईडी और बैंक खातों की पडताल में लगा है, जिन्होंने लाखों रुपए कंपनी में निवेश किया है।
    – धरने-प्रदर्शन के पीछे भी ऐसे लोगों का हाथ
    यूपी एसटीएफ के अफसरों की मानें तो नोएडा में रोज सैकड़ों लोग कंपनी कार्यालय और एसटीएफ ऑफिस में आकर कंपनी संचालकों और उनकी द्वारा निवेश राशि के मिलने के बारे में जानने के लिए पहुंच रहे हैं। वे लिखित में शिकायतें भी दे रहे हैं। कई निवेशकों ने यह भी बताया है कि कंपनी संचालक अनुभव मित्तल व दूसरे आरोपियों को छुड़ाने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए कंपनी में डायमण्ड व दूसरे क्लब के सक्रिय सदस्य निवेशकों को धरने-प्रदर्शन के लिए कह रहे हैं। इनके द्वारा सोशल मीडिया पर कंपनी संचालकों के बयान और कंपनी के नहीं डूबने जैसे वीडियों भी फैलाए जा रहे हैं। ताकि निवेशकों का विश्वास नहीं टूटे और वे कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायतें नहीं कर पाए। एसटीएफ उन क्लब मेम्बरों और सक्रिय एजेंटों की तलाश में लग गई है, जिन्होंने भोले-भाले निवेशकों को झांसा देकर कंपनी में निवेश कराया और अब निवेश राशि डूबने पर फरार हो गए हैं।

1 COMMENT

  1. It is totally fake reporting sir,all payments have done through neft …It is not a mature behaviour of a gernalis. And about police and other agency u know very well in your metter,so please try to report for truth and justice.

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