संयुक्त राष्ट्र, ( एएफपी) संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने म्यामांके सेना प्रमुख के उस बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने रोहिंग्या मुसलमानों और देश के अन्य जातीय समूह के बीच कोई समानता न होने का दावा किया था।
गुतारेस ने कहा कि वह सैन्य सभा के दौरान की गई जनरल ऊ मिन ऑन्ग लैंग की टिप्पणी की खबरों से‘ स्तब्ध’ हैं। साथ ही उन्होंने म्यामां नेताओं से नफरत को बढ़ाने वाले तत्वों के लिए एकीकृत रुख अपनाने और सांस्कृतिक सद्भाव को बढ़ावा देने की अपील भी की।उत्तरी कचीन राज्य में एक जनसभा में उन्होंने रोहिंग्या लोगों को ‘बंगाली’ करार देते हुए कहा था कि उनका म्यामां के मूल लोगों की संस्कृति एवं उनके रहन-सहन से कोई लेना देना नहीं है। बंगाली शब्द का इस्तेमाल वह रोहिंग्या मुसलमानों को विदेशी बताने के लिए करते हैं।
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने जनरल के हवाले से कहा, ‘‘बंगालियों द्वारा नागरिकता की मांग करने के कारण ही तनाव बढ़ा।’’
पिछले साल अगस्त में सेना द्वारा चलाए क्रूर अभियान के बाद करीब 7,00,000 रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश चले गए थे। संयुक्त राष्ट्र ने इस कार्रवाई को ‘जातीय संहार’ करार दिया था। वहीं म्यामां ने इसे कट्टरपंथियों को वहां से खदेड़ने की कार्रवाई बताया था।
गुतारेस ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ‘‘यह सुनिश्चित किया जाए की रोहिंग्या लोग अपने घर स्वेच्छा से, सुरक्षा एवं सम्मान के साथ लौटें।’’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थिति का निरीक्षण करने के लिए म्यामां जाना चाहता है लेकिन म्यामां के अधिकारियों ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है।एएफपी 2703 0936 संयुक्तराष्ट्र