Passenger-vehicles

delhi.सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऑटो रिक्‍शा और ई-रिक्‍शा को छोड़कर 1 जनवरी, 2019 के बाद पंजीकृत सार्वजनिक सेवा के सभी नए वाहनों में आपात बटन के साथ वाहन लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) उपकरण लगाना अनिवार्य कर दिया है। वीएलटी उपकरण निर्माता निगरानी के लिए पीछे की सेवा प्रदान करने में सहायता करेंगे। इस नियंत्रण को यात्रियों खासतौर से महिलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।

पुराने सार्वजनिक सेवा वाहनों के मामले में – जिनका पंजीकरण 31 दिसंबर, 2018 तक हुआ है, संबद्ध राज्य/ संघ शासित सरकारें उस तारीख को अधिसूचित करेंगे जब से इन वाहनों को वाहन लोकेशन ट्रैकिंग उपकरण और पैनिक बटन लगाना होगा। मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों को एक परामर्श भेज दिया है।
मंत्रालय ने 25 अक्टूबर, 2018 की अधिसूचना में वीएलटी और आपात बटन लागू करने के लिए परिचालन प्रक्रिया अधिसूचित की है। राज्य/ संघ शासित प्रदेशों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस आदेश को अमल में लाना सुनिश्चित करें और वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र की जांच के समय सार्वजनिक सेवा के वाहनों में वीएलटी उपकरण के साज-सामान और उसकी संचालन अवस्था जांच लें।
कमान और नियंत्रण केन्द्र राज्य अथवा वीएलटी निर्माताओं अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य एजेंसी द्वारा स्थापित किया जाएगा और ये केन्द्र विभिन्न साझेदारों जैसे – राज्य आपात प्रतिक्रिया केन्द्र, परिवहन विभाग अथवा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और उसकी प्राधिकृत एजेंसियों, उपकरण निर्माता और उनके अधिकृत डीलरों, परीक्षण एजेंसियों, परमिट धारकों आदि के लिए इंटरफेस प्रदान करेंगे। ये केन्द्र निर्धारित गति से अधिक, उपकरण की सेहत के संबंध में राज्य के महत्वपूर्ण आंकड़ों के आधार अथवा वाहन आंकड़ों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

सार्वजनिक सेवा वाहन मालिको को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वाहनों में लगे वीएलटी उपकरण काम करने की अवस्था में हों और वे सेल्यूलर कनेक्टीविटी के जरिये आवश्यक आंकड़ें भेजेंगे।
वीएलटी उपकरण में निर्माताओं को पहले प्रमाण पत्र के बाद हर वर्ष उत्पादन की पुष्टि के लिए अपने उपकरणों की जांच करानी होगी।

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