– केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
नई दिल्ली. ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने प्रोसेस जारी है। रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत के रूप में मान्यता देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना रूख बताने 4 हफ्तों का समय दिया था, जिसका जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने बताया है कि संस्कृति मंत्रालय में ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत घोषित करने प्रोसेस जारी है। वहीं याचिकाकर्ता व भाजपा नेता ने शीर्ष अदालत से कहा कि यह मुद्दा भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा है, जिसका पार्टी ‘उल्लंघन’ कर रही है। इससे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपीए सरकार 1 के द्वारा शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद इस परियोजना पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद सरकार ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि कुछ राजनीतिक दल, पर्यावरणविद और कुछ हिंदु धार्मिक समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने बताया था कि इस परियोजना के तहत मन्नार को पाक जलडमरूमध्य से जोड़ा जाएगा, जिसमें व्यापक ड्रेजिंग और चूना पत्थर के शेलों को हटाकर 83 किलो मीटर लंबा पानी चैनल बनाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार के द्वारा कहा गया था कि जहाजों के आने-जाने के लिए रास्ता बनाते समय रामसेतु को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुब्रमण्यम स्वामी को मंत्रालय के साथ इससे जुड़े अतिरिक्त सबूत देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पीठ ने केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा और सुब्रमण्यम स्वामी से सरकार ने निर्णय से असंतुष्ट होने पर फिर से उसके समक्ष पेश होने की स्वतंत्रता दी है, जिसके बाद कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि “मैं फिर आऊंगा, अभी सरकार को फैसला करने दीजिए।।”
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