नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सांसदों को नसीहत दी कि वे अपने काम में उसी तरह ध्यान दें, जिस तरह रामभक्त हनुमान काम में जुटे रहे थे। मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक के दौरान उन्होंने हनुमान को भक्ति व शक्ति का प्रतीक बताकर सांसदों को हनुमान बनने की सलाह दी। कहा कि जब लक्ष्मण के शक्ति लगी तो वे मूच्र्छित हो गए, जब हनुमान ने यह देखा तो वे सीधे जड़ी-बूटी की खोज में चले गए। पूरी रामायण में हनुमान ने कभी प्रभु श्रीराम से प्रश्न नहीं किया, सदैव उनके चरणों में शीश झुकाए बैठे रहे। उसी तरह सांसद भी हनुमान की भूमिका में आए हैं। हनुमान ने कभी कुछ नहीं लिया, सिर्फ दिया ही है। इसी को ध्यान में रखते हुए जनता के बीच पहुंचे और नि:स्वार्थ भाव से काम में जुटे रहे। सांसद भी आगे बढ़े और बिना किसी के निर्देशों का इंतजार किए अपना काम पूरा करें। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन के बीच पहुंचाए। अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद अपनी पहचान बनाए। जय-जयकार मोदी की नहीं, सांसद की जय-जयकार हो। इस दौरान पीएम ने सभी को हनुमान जयंती के साथ लोकसभा में 21 और राज्यसभा में 14 बिल पारित होने पर बधाई दी।

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