जयपुर। अपनी जान की बाजी लगाकर हार्डकोर अपराधी को भगाने की हथियारबंद बदमाशों की गहरी साजिश नाकाम करने वाली धौलपुर की बहादुर बेटी वसुन्धरा चौहान को राज्य सरकार ने पुलिस उप निरीक्षक के पद पर सीधी नियुक्ति देने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वसुन्धरा के अदम्य साहस एवं शौर्य को सम्मान देते हुए इसकी मंजूरी दे दी है।
गहलोत के इस निर्णय से न केवल महिलाओं के असाधारण साहस का सम्मान होगा बल्कि अन्य लोग भी ऎसी परिस्थितियों में पुलिस को सहयोग करने का जज्बा जुटा पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को चार पुलिसकर्मियों का चालानी दल उम्रकैद की सजा भुगत रहे अपराधी धर्मेन्द्र उर्फ लुक्का को धौलपुर में पेशी के बाद रोडवेज बस से भरतपुर की सेवर जेल में ले जा रहा था। रास्ते में पांच हथियारबंद बदमाश बस रूकवाकर उसमें सवार हो गए और चालानी गार्डों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंक कर उनके हथियार छीनने लगे।
इन बदमाशों में से एक ने देशी कटटे से फायर कर अन्य यात्रियों को भी भयभीत कर दिया। इसी दौरान बस में सवार वसुन्धरा एवं एक अन्य आरएसी जवान कमर सिंह जान की परवाह किए बगैर अपराधियों से भिड़ गए। वसुन्धरा बदमाशों से गुत्थमगुत्था हो गई और कमर सिंह पर हमला कर रहे दो बदमाशों को उनके हथियारों सहित नीचे गिरा दिया। दोनों का साहस देख बस में सवार अन्य यात्री तथा चालानी गार्ड भी बदमाशों से आमने-सामने हो गए। इससे बदमाशों में हडकंप मच गया और वे बस से भाग खड़े हुए। बहादुरी के लिए राज्य सरकार आरएसी कांस्टेबल कमर सिंह को हैड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति तथा वसुन्धरा को प्रशस्ति पत्र सेे सम्मानित भी कर चुकी है।
धौलपुर की शिवनगर कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय वसुन्धरा ने एनसीसी निदेशालय से ‘सी‘ सर्टिफिकेट पहले ही प्राप्त किया हुआ है और वह क्रिमिनोलॉजी विषय सहित समाज विज्ञान में एमए उत्तीर्ण है। पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों में उप निरीक्षक की सीधी भर्ती के लिए एनसीसी के ‘सी’ सर्टिफिकेट धारक तथा क्रिमिनोलॉजी में डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्राथमिकता देने का प्रावधान है। नियुक्ति के लिए उसे राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 17 (2) (ए) के तहत आयु, शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक दक्षता, मेडिकल फिटनेस एवं चरित्र सत्यापन की अर्हता को पूरा करना होगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बहादुर युवती को पुलिस सेवा में नियुक्ति को मंजूरी देकर गहलोत ने प्रदेश की महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इससे अन्य महिलाओं को भी ऎसी विषम परिस्थितियों में अपराध के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा मिलेगी।

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