jaipur. घुड़सवारी के प्रति अपना प्रेम दर्शाने के लिए 14 विभिन्न देशों से लगभग 70 घुड़सवारों ने ‘गैलॉप्स ऑफ इंडिया‘ में भाग लिया। भारत में 2 से 9 मार्च तक अपनी तरह की विशिष्ट एंड्यूरेंस राइड ‘गैलॉप्स‘ का तृतीय संस्करण शेखावाटी के मंडावा में पहली बार आयोजित हुआ। मंडावा से आरम्भ हुई इस राइड में विभिन्न उम्र एवं पृष्ठभूमि के प्रोफेशनल्स के अतिरिक्त शौकिया घुडसवारों की भागीदारी भी देखी गई। इन राइडर्स में भारत और ओमान कैवेलरी के मेम्बर्स, पूर्व मिस फ्रांस एवं फ्रांस के 93 वर्षीय, फिलिप पेरियर भी शामिल हैं। शेखावाटी के छोटे शहरों एवं कस्बों में घुड़सवारी के अनुभव साझा करते हुए पूर्व मिस फ्रांस, केमिली सेर्फ ने कहा कि राजस्थान के जीवंत रेगिस्तान में सवारी करना अत्यंत आकर्षक एवं रंगीन अनुभव है। इस क्षेत्र में विविधता है और रास्ते में अनेक प्रकार के जीव-जन्तु देखने को मिले हैं। यहां ग्रामीण लोगों से मिलना भी इस राइड की महत्वपूर्ण विशेषता है।

इस राइड के माध्यम से राजस्थान की देसी नस्ल-मारवाड़ी घोड़ों को प्रोत्साहित करना ‘गैलॉप्स ऑफ इंडिया‘ का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इन घोड़ों के बारे में बताते हुए इवेंट के सह-आयोजक, अंगद देव मंडावा ने बताया कि घोड़ों की यह नस्ल गर्म खून वाली होती है और ये घोड़े अपनी आक्रामकता एवं गति के लिए जाने जाते हैं। अतः इस प्रतिस्पर्धी एंड्यूरेंस राइड के लिए ये घोड़े सबसे बेहतर हैं। घोड़ों के प्रति अपने जुनून को बताते हुए इस राइड के सबसे अधिक उम्र के राइडर फ्रांस के 93 वर्षीय फिलिप पेरियर ने बताया कि ‘गैलॉप्स ऑफ इंडिया‘ में शामिल होने का अनुभव ओमान एवं मोरक्को के एडिशन से काफी भिन्न रहा है। इसका मुख्य कारण इसमें मारवाड़ी घोड़े हैं। ये घोड़े दुनिया के अन्य नस्ल के घोड़ों की तुलना में अधिक बुद्धिमान हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि घोड़ों के साथ अत्यंत सावधानी एवं प्रेम के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता होती है और इन्हें मात्र सवारी करने का माध्यम नहीं मानना चाहिए।

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