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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सोमवार को जोधपुर एम्स अस्पताल परिसर से हाइटेंशन लाइन को शिफ्ट करने के मामले में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह को घेरा। हालांकि मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने जवाब दिया कि जोधपुर एम्स परिसर में से 132 केवी की हाइटेंशन लाइन को चार माह में अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। इस जवाब से सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने कहा कि लाइनों को अंडर ग्राउण्ड नहीं किया जा रहा है, बल्कि खंभे लगाकर इन्हें आवासीय कॉलोनियों में से निकाला जा रहा है।

इससे आम जनता को परेशानी होगी। घरों के ऊपर से हाईटेंशन जाएगी तो उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी। खंभे लगा दिए तो इन्हें शिफ्टिंग का पैसा जनता से वसूला जाएगा। इससे पहले विधायक कैलाश भंसाली ने एम्स परिसर से हाइटेंशन लाइनों को हटाने के संबंध में सवाल किया था। इस सवाल का जवाब देते हुए पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि लाइनों को हटाने संबंधी कार्य के लिए राज्य सरकार की ओर से 14.25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। परिसर से बाहर जहां सड़क की चौड़ाई कम है, वहां मोनोपोल पर हाइटेंशन लाइन को शिफ्ट किया जाएगा। विभाग की ओर से कभी आवासों के ऊपर से हाइटेंशन लाइन नहीं डाली जाती। लाइन के नीचे आवासीय कॉलोनी का नियमों की पालना किए बिना विस्तार होने से ऐसी स्थिति सामने आती है।

जिन आवासीय क्षेत्रों से 33 केवी या 11 केवी की लाइन गुजरती है, उसे शिफ्ट करने का खर्च 50 प्रतिशत उस व्यक्ति को वहन करना होता है और शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। इसके अतिरिक्त 220 केवी की लाइन को शिफ्ट करने का खर्च 100 प्रतिशत संबंधित व्यक्ति को ही वहन करना होता है। सिंह ने कहा कि जोधपुर शहर में वर्तमान में अति उच्च वोल्टेज की हाइटेंशन लाइनों के आस-पास लगभग 1148 आवासीय अथवा व्यावसायिक परिसर हैं। उन्होंने इन हाईटेंशन लाइनों का विवरण सदन के पटल पर रखा। ऊर्जा राज्य मंत्री ने जोधपुर विद्युत वितरण निगम के क्षेत्रधिकार में जोधपुर शहर में 11 केवी एवं 33 केवी विद्युत लाइनों के नीचे अथवा आस-पास में निर्माण कर निवास कर रहे परिवारों का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।

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