जयपुर। राजस्थान दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग एवं ललित कला अकादमी के सहयोग से कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। राजस्थान दिवस 30 मार्च को प्रातः 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ‘रंगायन’ जवाहर कला केन्द्र, जयपुर में संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इस संगोष्ठी का विषय ‘पर्यटन को बढावा देने में कला की भूमिका‘ है। इस अवसर पर जवाहर कला केन्द्र में 30 मार्च से 5 अप्रेल तक प्रातः 11 बजे से सायः 6 बजे तक दो अलग-अलग प्रदर्शनियाँ आयोजित की जायेंगी, ‘सोणों-राजस्थान’ प्रदर्शनी मेेंं राजस्थान के चित्रों एवं मूर्ति कला को प्रदर्शित किया जायेगा तथा ‘विहंगम राजस्थान’ प्रदर्शनी जिसमें विभिन्न विषयों पर छायाचित्रों को प्रदर्शित किया जायेगा।
राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर छात्रों एवं अन्य नागरिकों के लिए हैरिटेज जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए सभी छात्रों का राजकीय स्मारकों पर निःशुल्क प्रवेश होगा। स्थापना दिवस के संदर्भ में 30 मार्च को सभी जिलों में सम्भाग एवं जिला मुख्यालयों द्वारा प्रमुख राजकीय स्मारकों एवं सूचना केन्द्रों पर प्रदर्शनियाँ एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। सभी कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए कोविड से बचाव के सुरक्षात्मक उपायों के साथ आयोजन सुनिश्चित किये जायेंगे। कार्यक्रमों के आयोजनकर्ता पर्यटन विभाग, कला एवं संस्कृति विभाग (ललित कला अकादमी) एवं पुरातत्व विभाग होंगे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के स्थापना दिवस को राजस्थान उत्सव के रूप में हर वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणाें में हुआ था, विभिन्न चरणों में अलग-अलग रियासतें जुड़ती गई तथा अन्तिम चरण में जोधपुर, जयुपर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय हुआ जिससे राजस्थान बना और उसे 30 मार्च 1949 को राजस्थान का नाम मिला।राजस्थान उत्सव प्रदेश के वीरों की वीरता तथा बलिदान को नमन करने का एक अवसर है। राजस्थान की संस्कृति, लोक-नृत्य, कलाएं, एवं व्यंजन आदि की सम्पूर्ण भारत देश अथवा विदेशों में भी एक विशिष्ट पहचान है।

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