– नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी अपना जन्मदिन एक जुलाई को सत्याग्रह कर मनायेंगे, स्वागत और बधाई की रस्मों से रखेंगे दूरी, उपवास स्थल पर होंगे भजन
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी एक जुलाई को अपने जन्मदिन पर किसानों की मांगों के समर्थन में उपवास करेंगे। डूडी अपने सरकारी निवास 380, सिविल लाइन, जयपुर पर प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक उपवास पर रहकर केन्द्र व राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए ईष्वर से प्रार्थना करेंगे ताकि ये सरकारें देष व प्रदेष में किसानों की भलाई के लिए कदम उठा सके। उपवास स्थल पर सिर्फ गांधीजी के प्रिय भजन प्रस्तुत किये जायेंगे और अन्य किसी तरह का संबोधन नहीं होगा।
नेता प्रतिपक्ष डूडी ने यह कदम देष भर में किसानों की लगातार उपेक्षा और दमन के हालात के मद्देनजर उठाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देष में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और उन्हें फसल का लागत मूल्य नहीं मिल रहा है। देष में करोड़ों किसान कर्जे में दबे हुए हैं और किसानों को फसल खराबे का मुआवजा भी नहीं मिल पाता है। आवाज उठाने पर किसान को न्याय के बदले गोली मिल रही है।
डूडी ने कहा कि राजस्थान जो कि एक कृषि प्रधान राज्य है, वहां भी भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण लाखों किसान प्रताड़ित हैं। राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। वर्ष 2015 में आयी प्राकृतिक आपदा से हुई फसल खराबे का मुआवजा अभी भी लाखों किसानों को नहीं मिला है। प्रदेष में किसान कर्जदार हो गये हैं। किसानों को फसल का लागत मूल्य तक नहीं मिल रहा है, प्रदेष में कृषि का आधारभूत ढ़ांचा चरमराया हुआ है। किसानों को सस्ती व सुचारू बिजली देने में प्रदेष की भाजपा सरकार विफल रही है। अंतर्राज्यीय जल समझौतों की पालना नहीं होने से किसान परेषान है और प्रदेष की नदी, नहरें व बांध उपेक्षा का षिकार हैं। राज्य में किसान खाद व बीज के लिए तरस रहे हैं और कृषि क्षेत्र में अनुदान दुर्भावनापूर्वक कम कर दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष डूडी ने कहा कि इन सभी मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेष में किसान सत्याग्रह पर हैं। इसलिए वे भी एक जुलाई को अपना जन्मदिन किसानों की मांगों के समर्थन में गांधीवादी तरीके से उपवास कर मनायेंगे। डूडी ने कहा कि वे स्वयं एक कृषक हैं और किसानों के दर्द को भली भंाति समझते हैं। इसलिए वे उपवास पर रहकर केन्द्र व राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए ईष्वर से प्रार्थना करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने समर्थकों से अपील की है कि एक जुलाई को उनके जन्मदिन पर किसी भी तरह के स्वागत और बधाई की रस्म से दूरी रखी जाये और गांधीवादी तरीके से उपवास को सफल बनाकर देष व प्रदेष में किसानों के चल रहे सत्याग्रह को नैतिक शक्ति प्रदान की जाये।