जयपुर। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज मुम्‍बई में मुम्‍बई विश्‍वविद्यालय के विशेष दीक्षान्‍त समारोह के दौरान डॉ. एम.एस. स्‍वामीनाथन को डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की। राष्‍ट्रपति ने कहा कि डॉ. स्‍वामीनाथन को डी.लिट की उपाधि प्रदान करना उनके लिए एक महत्‍वपूर्ण अवसर है। महात्‍मा गांधी भी मुम्‍बई विश्‍वविद्यालय के पूर्व छात्रों में शामिल थे। इस विश्‍वविद्यालय ने विभिन्‍न क्षेत्रों में हमेशा ऐसे नेताओं को मान्‍यता दी है, जिन्‍होंने समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी भूमिका निभायी है। अतीत में जिन्‍हें डी-लिट की मानद उपाधि से सम्‍मानित किया गया था, उनमें प्रसिद्ध, विद्वान तथा समाज सुधारक शामिल थे। इनमें सर आर.जी.भंडारकर, दादाभाई नैरोजी, सर सी.वी.रमन तथा सर एम विश्‍वेश्‍वरय्या शामिल हैं। डॉ. स्‍वामीनाथन के कार्यों की बदौलत हमारे देश में महत्‍वपूर्ण परिवर्तन आया है। उनके अग्रणी प्रयासों के कारण ही हमारा देश दुनिया के प्रमुख खाद्यान्‍न उत्‍पादक तथा निर्यातकों में से एक बना है। 65 साल की अवधि में डॉ. स्‍वामीनाथन ने वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के सहयोग से पौधों तथा कृषि अनुसंधान के क्षेत्र से संबंधित समस्‍याओं पर कार्य किया। उन्‍हें एक अत्‍यंत प्रतिष्ठित वैश्विक वैज्ञानिक माना जाता है, क्‍योंकि उन्‍होंने भारत तथा अन्‍य जगहों पर विकासशील देशों में खाद्य उत्‍पादन के क्षेत्र में शानदार कार्य किये है। उन्‍होंने हमेशा टिकाऊ कृषि की वकालत की, जो हरित क्रांति की अग्रणी है।

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