नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद अब भाजपा की नजरें दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव पर टिक गई है। इसको लेकर भाजपा के रणनीतिकार अपने काम में जुट गए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव को लेकर कमर कसे हुए हैं। एक ओर जहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह घेरने के लिए खास रणनीति बनाने की कवायद में जुटे हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल भी पंजाब और गोवा में मिली करारी हार के बाद अपना फोकस दिल्ली के एमसीडी चुनाव पर कर रहे हैं। इस बीच केजरीवाल ने दिल्ली एमसीडी चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराने की मांग की है। केजरीवाल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखे कि दिल्ली एमसीडी चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से ही कराए जाएं। गौरतलब है कि यह मांग आप के अतिरिक्त कांग्रेस, सीपीआई व सीपीएम ने भी उठाई है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि यूपी चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि भाजपा ने ईवीएम में गड़बड़ी कराई। आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केजरीवाल ने अक्सर यह कहा कि वो दिल्ली में कई काम नहीं करा पा रहे हैं। इसकी वजह है कि वर्तमान में दिल्ली एमसीडी पर भाजपा का कब्जा है। यदि एमसीडी पर कब्जा हो जाय तो अपना काम बेहतर तरीके से किया जा सके। इधर भाजपा ने कांग्रेस व आम आदमी पार्टी से निपटने के लिए इस बार चुनाव में नए चेहरे चुनाव मैदान में उतारने व मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का ऐलान कर दिया है। इस तरह का प्रयोग अमित शाह गुजरात में पहले भी कर चुके हैं। दिल्ली एमसीडी में अभी पार्षदों की कुल संख्या 272 है। इनमें भाजपा के 153 पार्षद है।

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