पश्चिम बंगाल. सीमा सुरक्षा बल( बीएसएफ) के महानिदेशक के के शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमा को अगले तीन से पांच साल के भीतर नई तकनीक के माध्यम से चाक- चौबंद किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि बीएसएफ की योजना भारत- बांग्लादेश से लगते सीमा क्षेत्र में कॉम्प्रिहेन्सिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम( सीआईबीएमएस) लगाने की है।

दरअसल दुर्गम होने की वजह से जिन इलाकों में बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां इसका इस्तेमाल किया जाएगा और इसके साथ ही सीमा पार घुसपैठ और तस्करी रोकने में भी मदद मिलेगी। सीमा पर तकनीकी रूप से निगरानी करने के लिए कई तरह के गैजेट्स और तकनीक का एकीकृत रूप‘ सीआईबीएमएस’ है। सीमा चौकियों पर मॉनिटर लगाए जाएंगे और इससे बीएसएफ कर्मियों को सीमा से लगते क्षेत्रों की हर गतिविधि जानकारी मिलती रहेगी। अधिकारी ने बताया कि किसी भी खतरे की स्थिति में बीएसएफ तेजी से प्रतिक्रिया देकर स्थिति पर नियंत्रण हासिल करेगा।

उन्होंने भाषा को दिए एक साक्षात्कार में बताया, “ इस समय सीआईबीएमएस परियोजना बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगे भारत के संवदेनशीलक्षेत्र पर लागू की जाएगी। हमारी योजना इस प्रणाली को अगले तीन- पांच वर्षों में लागू करने की है।” सीआईबीएमएस की पायलट परियोजना अभी जम्मू में भारत- पाकिस्तान सीमा पर पांच किलोमीटर के लंबे क्षेत्र और असमके धुबरी में भारत- बांग्लादेश सीमा पर चल रही है। भारत और बांग्लादेश सीमा के बिना बाड़ वाले इलाके में बाड़ लगाने की योजना के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर शर्मा ने कहा, “ उन क्षेत्रों में बाड़ लगाई जाएंगी, जहां हम बाड़ लगा सकते हैं। दुर्गम होने की वजह से जिन इलाकों में हम बाड़ नहीं लगा सकते हैं, वहां सीआईबीएमएस लगाई जाएगी।”

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