जयपुर। राष्ट्रपति पद की दौड़ में चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती समेत अन्य नेताओं को कोई राहत नहीं देते हुए आदेश दिए हैं कि इनके खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा चलाया जाए। आपराधिक मुकदमा की सुनवाई को दो साल में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश से अभी तक बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई से राहत महसूस कर रहे आडवाणी, जोशी समेत अन्य नेताओं पर कानूनी शिकंजा कस गया है। कोर्ट के इस आदेश से राष्ट्रपति पद की दौड़ में चल रहे आडवाणी और जोशी के प्रेसीडेंट बनने पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। कोर्ट ने सभी दस नेताओं पर बाबरी मस्जिद विध्वंस की आपराधिक साजिश में मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन की संयुक्त पीठ ने सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए ये आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को राहत दी है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर, 1992 को देश भर से आए लाखों कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। इसके बाद देशभर में साम्प्रदायिक दंगे हुए, जिनमें हजारों लोग मारे गए। तब सीबीआई ने तत्कालीन यूपी सीएम कल्याण सिंह, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, एमपी सीएम उमा भारती समेत एक दर्जन नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई, लेकिन तब कोर्ट से इन्हें राहत मिल गई। जिला कोर्ट व हाईकोर्ट से हारने के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में आपराधिर साजिश का मुकदमा चलाने की अर्जी लगाई। जिस सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए इन पर मुकदमा चलाने को कहा है।

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