जयपुर. अवैध रिफिलिंग की घटनाओं को रोकने और कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की बिक्री को बढ़ाने के लिए तेल-गैस कंपनियों ने बड़ा फैसला किया है। कंपनियों ने अब घरेलु उपयोग के सिलेंडर की राशनिंग करते हुए इसकी बिक्री को कंट्रोल किया है। कंपनियों ने हर परिवार को साल में केवल 15 घरेलु गैस सिलेंडर ही देने का निर्णय किया हैं। अगर इससे ज्यादा सिलेंडर किसी परिवार को जरूरत है तो उसे पहले अपनी एजेंसी को लिखित में देना होगा। ताकि डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी गैस कंपनी को बता सके।
आईओसीएल (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) अधिकारियों की माने तो वर्तमान में सब्सिडी बंद होने के बाद से घरेलु गैस सिलेंडर की रिफिलिंग अनलिमिटेड कर दी थी। यानी कोई भी परिवार कितने भी सिलेंडर ले सकता था। इस छूट के बाद से कॉमर्शियल सेक्टर में इन घरेलु रसोई गैस का उपयोग बढ़ने लगा था। लोग अवैध तरीके से कॉमर्शियल सिलेंडर व गाड़ियों में अवैध रिफिलिंग का कारोबार करने लगे थे। जोधपुर कांड के अलावा कॉमर्शियल गैस की बिक्री में होती गिरावट भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। अवैध रिफिलिंग के कारण गैस एजेंसियों की कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की बिक्री में कमी आई है। इसे भी देखते हुए कंपनियों ने यह निर्णय किया है। क्योंकि कंपनियों को कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की बिक्री से ज्यादा मुनाफा होता है। जानकारों की माने तो पिछले दिनों जोधपुर में एक घर में अवैध रिफिलिंग के दौरान हुए हादसे से सबक लिया है। पिछले सप्ताह जोधपुर के कीर्ति नगर इलाके घरेलु रसोई गैस सिलेंडर से अवैध रिफलिंग के दौरान हादसा हो गया था, जिसमें 10 सिलेंडरों में रिसाव के बाद फट गए थे। इस घटना में 3 बच्चों समेत 4 जनों की मौत हो गई थी। राजस्थान में वर्तमान में तीनों तेल-गैस कंपनियों (आईओसीएल, एचपीसीएल, बीपीसीएल) के करीब 1 करोड़ 75 लाख उपभोक्ता है। इसमें सबसे ज्यादा उपभोक्ता करीब 74.15 लाख आईओसीएल के है। इन तीनों ही गैस कंपनियों के यहां से हर साल औसतन 9.8 करोड़ घरेलु गैस रिफिल होते है, जबकि कॉमर्शियल सिलेण्डर की संख्या सालाना करीब 45 लाख रहती है।

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