-मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का राजस्थान विनियोग विधेयक पर जवाब,एचपीसीएल से शीघ्र होगा नया एमओयू 

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए बिना सोच-विचार किए एमओयू किया था, जबकि हमारी सरकार ने प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता मंजूर नहीं किया। हमारे प्रयासों से ही एचपीसीएल को अपने पुराने प्रस्ताव को बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से किए गए रि-नेगोशिएशन का ही परिणाम है कि राज्य पर रिफाइनरी की स्थापना से पड़ने वाला वित्तीय भार परियोजना की लागत बढ़ने के बावजूद करीब दो-तिहाई घटकर अब 20 हजार 583 करोड़ रुपये रह गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एचपीसीएल के नये प्रस्ताव के मुताबिक रिफाइनरी के लिए एमओयू किया जायेगा। राजे विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राजस्थान विनियोग विधेयक एवं विŸा विधेयक 2017 को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एचपीसीएल के साथ किए गए एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को 15 वर्ष तक प्रतिवर्ष ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3 हजार 736 करोड़ रुपये देने पड़ते, जो हमारे रि-नेगोशिएशन से अब मात्र 1 हजार 123 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष ही रह गया है। इस तरह अब हमारे प्रयासों से 15 वर्षों में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाने वाली राशि 56 हजार 40 करोड़ रुपये से घटकर 16 हजार 845 करोड़ रुपये ही रह गई है। इसी प्रकार पिछली सरकार ने रिफाइनरी में 26 प्रतिशत इक्विटी के रूप में 3871 करोड़ देना तय किया था। नये प्रस्ताव में यह राशि भी घटकर 3738 करोड़ रह गई है। राजे ने हाल ही सदन में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विरासत में मिली विषम आर्थिक स्थिति के बावजूद हमारी सरकार ने परिसम्पत्तियों के सृजन पर पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में अधिक पूंजीगत खर्च किया है। हमारी सरकार ने वर्ष 2015-16 तक ही पिछली सरकार के अन्तिम तीन वित्तीय वर्षो की तुलना में 6 हजार 623 करोड़ रूपये अधिक पूंजीगत व्यय किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास एवं आर्थिक क्षेत्र पर व्यय का औसत देश के औसत से करीब 8 फीसदी अधिक है। प्रदेश में सामान्य श्रेणी के राज्यों की तुलना में विकास पर औसत खर्च करीब 10 प्रतिशत अधिक एवं आर्थिक क्षेत्र में खर्च करीब 16 प्रतिशत अधिक है, जो प्रदेश के लिए हमारे कमिटमेंट को दर्शाता है। उन्होंने इसकी तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखी।

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