Attempts were made to remove Ambedkar's contribution for a family: Modi

नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेशकों को भारत में उनके निवेश के संरक्षण एवं संवर्धन का भरोसा दिलाते हुए आज कहा कि देश बाजार उद्यमियों के लिए खुला है। उन्होंने कहा कि भारत वृद्धि तेज करने के लिए अधिक विदेशी निवेश की जरूरत है। भारतीय उद्योग परिसंघ तथा औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा आयोजित भारत-कोरिया कारोबार शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि सरकार ने कारोबार के लिए स्थिर स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में काम किया है और फैसलों में मनमानी का चलन बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब कारोबार के लिए तैयार है। भारत अब उद्यमों के लिए खुला बाजार है। आपको दुनिया में कहीं भी इस तरह का खुला और विस्तृत होता बाजार नहीं मिलेगा।’’ मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भारत सबसे उदार अर्थव्यवस्थाओं में है और अब मंजूरी की 90 प्रतिशत प्रक्रिया अपने आप हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र को छोड़ विनिर्माण में निवेश के लिए यहां सरकारी मंजूरी की कोई जरूरत नहीं है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आपके निवेश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, किया जाएगा।’’

उन्होंने कोरियाई कारोबारियों से कहा कि भारत अर्थव्यवस्था में उनके योगदान तथा उनकी भागीदारी की कद्र करता है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत स्तर पर भी मैं आपको हर जरूरत के समय पूरे समर्थन का आश्वासन देता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कंपनियों पर कर भार कम करने की व्यवस्था की ओर बढ़ चुकी है। प्रधानमंत्री ने खरीद क्षमता के आधार पर भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही हम वर्तमान कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हम आज विश्व में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी हैं। हम स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी पारिस्थितिकी वाले देशों में से भी एक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप विश्व पर नजर दौड़ायें तो ऐसे बेहद कम देश हैं जहां अर्थव्यवस्था के तीन महत्वपूर्ण कारक एक साथ मौजूद हैं। ये कारक हैं: लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग। भारत में यह तीनों मौजूद है।’’ उन्होंने मेक इन इंडिया मुहिम का उदाहरण रखते हुए कहा, ‘‘हम निवेश का माहौल बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। हम अपने युवाओं के लिए रोजगार के मौके सृजित करने के लिए विनिर्माण को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देना चाहते हैं।’’ मोदी ने कहा कि भारत पर्यावरण के लिए बेहतर प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने देश में कारोबार सुगम बनाने वाले सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि वैधानिक मंजूरियों के साथ कंपनी बनाना अब एक दिन का काम रह गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 1400 से अधिक पुराने नियमों-कानूनों को पूरी तरह से हटा दिया है जो संचालन को जटिल बनाते थे। इन कदमों ने हमारी अर्थव्यवस्था को उच्च वृद्धि के मार्ग पर ला दिया है।’’ मोदी ने कहा कि सरकार नियमन और लाइसेंस की रुकावटें दूर करने की मुहिम पर है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक लाइसेंसों की वैधता अवधि को तीन साल से बढ़ाकर 15 साल व इससे अधिक कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विनिर्माण पारिस्थितिकी वैश्विक स्तर पर खर्च प्रतिस्पर्धी है। हमारे पास ज्ञान और ऊर्जा से भरे काफी सारे कुशल पेशेवर हैं। अब हमारे पास विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग शिक्षा तथा मजबूत शोध एवं विकास संस्थान हैं।’’ उन्होंने रक्षा उत्पादन के लिए भी औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था को सरल बनाये जाने की बात की। उन्होंने कहा कि पुरानी व्यवस्था से इतर अब 65-70 प्रतिशत उत्पाद बिना लाइसेंस के बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा है कि कारखानों का निरीक्षण सिर्फ जरूरत पड़ने पर होगा और उच्च स्तरीय मंजूरी के बाद ही होगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हाउसिंग, स्मार्ट सिटी, रेलवे स्टेशन, जल परिवहन, रेलवे, समुद्री बंदरगाह, ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी संरचना एवं सेवा और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत सभी क्षेत्र मेरे देश में काफी आशा से भरे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत और कोरिया दोनों क्षेत्र की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं। हमारे भागीदारी में एशिया में क्षेत्रीय वृद्धि, विकास, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं।’’

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