जयपुर। हम सबके लिए ये शोक की घड़ी है। कल्‍याण सिंह जी के माता-पिता ने उनका नाम कल्‍याण सिंह रखा था। उन्‍होंने जीवन ऐसे जिया कि अपने माता-पिता द्वारा दिए गए नाम को सार्थक कर दिया। वो जीवन भर जन-कल्‍याण के लिए जिए, उन्‍होंने जन-कल्‍याण को ही अपना जीवन-मंत्र बनाया। और भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ, पूरे परिवार को एक विचार के लिए, देश के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए, उन्‍होंने समर्पित किया।

कल्‍याण सिंह जी भारत के कोने-कोने में एक विश्‍वास का नाम बन गए थे। एक प्रतिबद्ध निर्णयकर्ता का नाम बन चुके थे और जीवन के अधिकतम समय में वे जन-कल्‍याण के लिए हमेशा प्रयत्‍नरत रहे। उनको जब भी जो दायित्‍व मिला, चाहे वो विधायक के रूप में हो, चाहे सरकार में उनका स्‍थान हो, चाहे गर्वनर की जिम्‍मेदारी हो, हमेशा हरेक के लिए प्रेरणा का केंद्र बने। जन-सामान्‍य के विश्‍वास का प्रतीक बने।

देश ने एक मूल्‍यवान शख्सियत, एक सामर्थ्‍यवान नेता खोया है। हम उनकी भरपाई के लिए, उनके आदर्शों और उनके संकल्पों को लेकर अधिकतम पुरुषार्थ करें और हम उनके सपनों को पूरा करने में कोई कमी न रखें। मैं भगवान प्रभु श्रीराम को उनके चरणों में प्रार्थना करता हूं कि प्रभु राम कल्‍याण सिंह जी को अपने चरणों में स्‍थान दें और प्रभु राम उनके परिवार को इस दु:ख की घड़ी में इस दु:ख को सहन करने की शक्ति दें और देश में भी यहां के मूल्‍यों, यहां के आदर्शों, यहां की संस्‍कृति, यहां की परम्‍पराओं में विश्‍वास करने वाले हर दु:खी जन को प्रभु राम ढांढस दें, यही प्रार्थना करता हूं।

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