Jaitley said in the House what, the opposition has accepted

नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथित बयान को लेकर शीतकालीन सत्र के प्रारंभ से ही राज्यसभा में जारी गतिरोध आज सदन के नेता अरूण जेटली के बयान के बाद दूर हो गया। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मनमोहन की देश के लिए प्रतिबद्धता को लेकर कोई सवाल ही नहीं उठाया था तथा हम उनका काफी सम्मान करते हैं। राज्यसभा में आज भोजनावकाश के बाद सदन के नेता अरूण जेटली ने कहा कि विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने हाल में संपन्न गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री के भाषणों का मुद्दा पिछले सप्ताह कई अवसरों पर उठाया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सभी पक्षों की तरफ से बयान दिये गये। ‘‘हम नहीं चाहते कि इसके परिणामस्वरूप सदन में गतिरोध बना रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि माननीय प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की देश के बारे में उनकी प्रतिबद्धता को लेकर न तो कोई सवाल उठाया और न ही सवाल उठाने की उनकी कोई मंशा थी। इस तरह की कोई भी धारणा त्रुटिपूर्ण है।’’ जेटली ने कहा, ‘‘हम इन नेताओं का बहुत सम्मान करते हैं और देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी।’’ इसके बाद नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कहा कि वह सदन के नेता के बयान पर आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी की ओर से विश्वास दिलाते हैं कि किसी नेता, प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी बात नहीं कही जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘अगर चुनाव के दौरान हमारी पार्टी की तरफ से किसी ने ऐसा बयान दिया जो प्रधानमंत्री की गरिमा के खिलाफ हो तो हमारी पार्टी उस बयान से खुद को असंबद्ध करती है।’’ आजाद ने कहा कि हम नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री की गरिमा के खिलाफ एक भी शब्द कहा जाए। उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के खिलाफ दिए गए कथित बयान के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगने और स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए भारी हंगामा किया था जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हो रही थी।

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