gahalot honge raajasthaan ke seeem, paayalat banenge diptee seeem

राकेश कुमार शर्मा
जयपुर। राजस्थान के धौलपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अप्रत्यक्ष तौर पर पीसीसी और पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर निशाना क्या साधा की, राजस्थान कांग्रेस में सियासत गरमा गई। गहलोत के बयान को पीसीसी चीफ सचिन पायलट के खिलाफ बताया जा रहा है। अजमेर में दिए गए गहलोत के इस बयान के बाद सचिन पायलट गुट के भी तीखे तेवर हैं। पायलट गुट ने भी गहलोत बयान का पलटवार देने का मानस बनाया है। बताया जाता है कि गहलोत के बयान को लेकर शाम चार बजे पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने मीडिया को बुलाया है, ताकि धौलपुर हार के बारे में बताया जा सके, साथ ही अशोक गहलोत के बयान पर भी निशाना साधा जा सके। पायलट गुट का कहना है कि धौलपुर उपचुनाव में कांग्रेस हार के लिए अशोक गहलोत द्वारा सीधे तौर पर पीसीसी चीफ पर हमला किया है, जबकि खुद अशोक गहलोत ने वहां दो-तीन तक चुनाव प्रचार किया। उनके बेटे कांग्रेस महासचिव वैभव गहलोत को इस सीट का प्रभारी बना रखा था। इस सीट पर सर्वाधिक वोट बैंक माली समाज का है। इसके बाद भी कांग्रेस को उन बूथों पर करारी शिकस्त झेलनी पड़ी, जहां माली मतदाता सर्वाधिक हैं। अंदरखाने आरोप लगाए जा रहे हैं कि माली समाज ने कांग्रेस को वोट नहीं दिया है, जबकि वह कांग्रेस का वोटबैंक रहा है। पायलट गुट के नेताओं का आरोप है कि माली समाज के वोटों को भाजपा में डायवर्ट करने का काम किया गया है। इसके चलते पार्टी को इतनी बड़ी हार झेलनी पड़ी। उधर, गहलोट गुट का कहना है कि कांग्रेस कार्यकारिणी के नेताओं का धौलपुर में जमावड़ा खूब लगा दिया, लेकिन इनमें एक भी नेता ऐसा नहीं था, जो जनता में सीधे पकड़ रखता था। जो नेता गए, वे भी चुनाव प्रचार के बजाय धौलपुर में सैर-सपाटे और चुनाव प्रचार की सेल्फी लेकर वाट्सअप-फेसबुक पर डालने में दिखे। मजबूत पकड़ वाले नेताओं को धौलपुर में जिम्मेदारियों से दूर रखा गया। नेताओं व कार्यकर्ताओं के जमावड़े से स्थानीय कार्यकर्ता भी नाराज हो गए। नेताओं के खाने-पीने और ठहरने को लेकर खासा विवाद हुआ। बताया तो यह भी जाता है कि कांग्रेस प्रत्याशी बनवारी लाल शर्मा भी धौलपुर चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बनाने से खुश नहीं थे। इसके चलते सीएम वसुंधरा राजे व सरकार ने अपना पूरा चुनाव जीतने में लगा दिया, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।
– गहलोत के इस बयान से मचा बवाल….
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर दौरे के दौरान रविवार को मीडिया से बातचीत में धौलपुर चुनाव में हार को लेकर बयान दिया कि ओवर कॉन्फिडेंस के चलते पार्टी धौलपुर हारी, जबकि माहौल कांग्रेस के पक्ष में था। इस बयान के बाद से कांग्रेस में सियासत गरमा गई। गहलोत ने कहा कि धौलपुर में कांग्रेस का जोर था। हवा भी कांग्रेस के पक्ष में थी और कांग्रेस को यह चुनाव जीतना चाहिए था, लेकिन ओवर कॉन्फिडेंस के चलते चुनाव हार गए। हार में पार्टी के गलत फैसले भी जिम्मेदार रहे। कांग्रेस के पक्ष में हवा देखकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपना धौलपुर महल जनता के लिए खोलना पड़ा। जाति-समाजों की बैठकें लेनी पड़ी। दस दिन से अधिक समय तक वे धौलपुर में रही। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह गलतफहमी भी निकाल देनी चाहिए कि एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा चुनाव जीतेगी।
-पायलट के इस ऑफर पर मुस्करा गए गहलोत…..
अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा कांग्रेस के नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है। सचिन पायलट के भाजपा में जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के सवाल पर गहलोत मुस्करा गए और इतना ही कहा कि पायलट अजमेर से ही हैं। अच्छा होगा, आप उनसे ही पूछ लें। गहलोत ने ब्राह्मण विरोधी टिप्पणी करने वाले शिक्षाराज्य मंत्री वासुंदेव देवनानी के इस्तीफे की मांग की है।

2 COMMENTS

  1. कॉंग्रेस पूरी तरह डरी हुई सी लग रही है
    पता नही क्यो

  2. पूर्व मुख्यमंत्री की बात मैं सच्चाई है, सच्चाई को स्वीकार कर आगे काम करना चाहिए ।

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