मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने कहा कि बाबरी मस्जिद के ध्वस्त करने के पुख्ता सबूत न होने के बावजूद इसे कंट्रोल में नहीं लेना पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव सरकार की घातक भूल थी। चिदंबरम ने कहा कि इस घटना के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राव की पार्टी ने कार्यकर्ताओं का विश्वास भी खो दिया था। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने यह बात टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल में नरसिम्हाराव द फरगॉटेन हीरो पर परिचर्चा के दौरान कही। चिंदबरम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राव को पहले ही कई लोगों ने इस खतरे के लिए चेताया था। बावजूद इसके राव ने इस घटना को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए। हमारी सरकार ने तो उस समय यह कहा कि किसी भी परिस्थिति में मस्जिद को गिराने की इजाजत नहीं दी जाए। यह देश के हित में सहीं नहीं होगा। यदि हम स्थिति को कंट्रोल करने की जरूरत पड़ेगी तो मिलिट्री और पैरामिलिट्री को तैनात करे लेंगे लेकिन राव ने हमारी बात को दरकिनार कर दिया।कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मस्जिद को पहले से ही खतरा था। कारसेवकों का उसे गिराना कोई अचानक हुई घटना नहीं थी। रामेश्वरम तक से लोग ट्रेन से पत्थर लेकर आ रहे थे। कारसेवकों के लिए पूरी की पूरी ट्रेनें बुक की गई थीं। 1987-88 से मौजूद बाबरी मस्जिद पर खतरा असली था। राव को पैरामिलिट्री फ ोर्सेज-आर्मी की मदद लेनी चाहिए थी। उनको यह बिल्कुल क्लियर कर देना चाहिए था कि बाबरी मस्जिद का एरिया केंद्र सरकार के कंट्रोल में है। लेकिन पैरामिलिट्री को तैनात नहीं किया जा सका। वह एक घातक राजनीतिक भूल थी। जिसके नतीजे देश के लिए विनाशकारी साबित हुए।

LEAVE A REPLY