बांदीकुई. दौसा के बांदीकुई में 4400 किलो खीर, 4000 किलो आटे के पुए और 1000 किलो दाल तैयार कर 13 ट्रॉलियों में भरी गई। 60 हजार श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई इस प्रसादी के लिए गुरुवार रात 12 बजे से ही तैयारी शुरू हो गई थी। प्रसादी बनाने के लिए 40 भट्टियां लगाई गई और 80 हलवाइयों ने रातभर में प्रसादी तैयार कर दी। करनावर गांव में शुक्रवार सुबह 11 बजे सांवलिया धाम में 51 दिवसीय पंच कुंडीय विष्णु महायज्ञ के समापन पर प्रसादी का वितरण किया गया। प्रसादी वितरण में आसपास के गांवों के करीब 200 वॉलंटियर्स जुटे। इनमें 50 महिला वॉलंटियर थी। पंडित श्याम सुंदर जैमन ने बताया करनावर स्थित सांवलिया धाम में पंच कुंडीय श्री विष्णु महायज्ञ 28 अगस्त को शुरू हुआ था। इसके अलावा भागवत कथा का भी आयोजन हुआ। शुक्रवार को विष्णु महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ। समापन पर सांवलिया महाराज की फूल बंगला झांकी सजाई गई। कोलकाता से विशेष फूल मंगवाए गए। महायज्ञ के आयोजन पर करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए। यह राशि करनावर और आसपास के गांवों के लोगों के सहयोग से इकट्ठा की गई। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं ने भी इसमें योगदान दिया। पंडित श्याम सुंदर जैमन ने बताया- 60 हजार लोगों के लिए गुरुवार रात 12 बजे से प्रसादी बनाने का काम शुरू किया गया था। 40 भट्टियों पर 80 हलवाइयों ने काम शुरू किया। 15-15 भट्टियों पर खीर और पुए तैयार किए गए। इन भट्टियों पर 25-25 हलवाई लगाए गए। 10 भट्टियों पर दाल तैयार की गई। दाल की भट्टियों पर 15 हलवाई लगाए गए। बाकी बचे हलवाई अन्य व्यवस्थाओं को संभालने में लगाए गए। उन्होंने बताया- खीर बनाने के लिए 26 कट्टे यानी 520 किलो चावल मंगवाए गए थे। खीर और पुए के लिए 50 क्विंटल चीनी काम में ली गई। खीर के लिए 44 क्विंटल दूध इस्तेमाल किया गया। इसमें से सिर्फ 16 क्विंटल दूध बाजार से खरीदा गया था। बाकी 28 क्विंटल दूध आसपास के गांवों से इकट्ठा किया गया। इसमें 12 गांव दौसा जिले और 8 गांव अलवर जिले के थे। प्रसादी तैयार होने के बाद इनको 13 ट्रॉलियों में भरा गया। 50 वॉलंटियर को केवल भट्टियों से सामान को ट्रॉलियों में डालने के लिए लगाया गया। 5-5 ट्रॉलियों में खीर और पुए डाले गए, जबकि 3 ट्रॉलियों में दाल भरी गई। पंडित श्याम सुंदर जैमन ने बताया- पूरे आयोजन की व्यवस्था संभालने के लिए आसपास के गांवों से 200 वॉलंटियर्स जुटे। इनमें 50 महिलाएं शामिल थी। प्रसादी ग्रहण करने के लिए महिला और पुरुषों के बैठने की व्यवस्था अलग-अलग की गई। महिला श्रद्धालुओं को केवल महिला वॉलंटियर्स ने ही प्रसादी वितरित की। इसके अलावा मेले में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 50 स्काउट गाइड तैनात रहे।
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