बीजिंग। अमेरिका और चीन के रिश्तों में बढ़ी तल्खी इन दिनों देखने को मिल रही है। चीन ने कथित रुप से एक नई मिसाइल का परीक्षण किया है। जो 10 न्यूक्लियर वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम है। जानकारों का मानना है कि चीन ने यह परीक्षण अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपनी ताकत दिखाने के लिए किया है। फिलहाल अमेरिका इस मामले में पर पूरी नजर रखे हुए है। वॉशिंगटन फ्री बेकन की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने विगत माह डीएफ-5 (दोंगफेंग) मिसाइल का परीक्षण किया। इस परीक्षण के लिए 10 मल्टीपल टार्गेटेबल व्हीकल का प्रयोग किया। इसमें 10 डमी वॉरहेड्स लगाए गए। जिसे शांसी प्रॉविंस स्थित ताईयुआन स्पेस लॉच सेंटर से लॉच किया। यह मिसाइल डीएफ-5 का नया वर्जन है। इस इंटरकॉन्टीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल को 1980 के दशक में लाया गया था। अमेरिकी डिफेंस डिपार्टमेंट के कमांडर गैरी रॉस ने बताया कि चीन के मिलिट्री डेवलपमेंट्स और पीपुल्स लिबरेशन आमी्र (पीएलए) की क्षमता पर नजर रख रहे हैं। ये हमारे डिफेंस प्लान का हिस्सा है। चीन के पास करीब 250 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं। चीन ने डीएस-5 के वॉरहेड्स ले जाने की प्रोसेस गत वर्ष फरवरी में शुरू कर दी थी। हाल ही ट्रम्प यूएस के नए प्रेसिडेंट बने हैं। चुनावी कैम्पेन में वे चीन को लेकर उनके तेवर तीखे रहे। साउथ चाइना सी को भी यूएसए ने किसी एक देश का हक नहीं माना। वहीं चीन इस पर अपना हक जताता रहा है। इधर चीन के मिलिट्री एक्सपर्ट के अनुसार टेस्ट का मकसद ट्रम्प को ताकत दिखाना नहीं है। टेस्ट के लिए सेंट्रल मिलिट्री कमीशन पहले ही मंजूरी दे चुका था।

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