नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत से जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अग्रिम संगठन भी विरोध जताने लगे हैं। नोटबंदी से जनता की परेशानी और केशलैस व्यवस्था को उचित नहीं मानते हुए स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ पहले ही विरोध जता चुका है। अब इन दोनों संगठनों के बाद लघु उद्योग भारती ने भी नोटबंदी से हो रही कठिनाइयों पर चिंता जताते हुए सरकार को भविष्य में पैदा होने वाले खतरों को लेकर आगाह किया है। लघु उद्योग भारती का कहना है कि नोटबंदी के बाद कैश की कमी से जो हालात पैदा हुए हैं, उससे लघु उद्योग, ग्रामीण उद्योग और कृषि को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कैश की कमी से मजदूरों के रोजगार भी छीनने लगे हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था रातों रात संभव नहीं है। जल्द से जल्द नकदी का प्रवाह तेज होना चाहिए। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आतंकवाद, काला धन, हवाला और नकली नोटों पर लगाम कसने के लिए नोटबंदी का फैसला सही है, लेकिन इसके बाद कैश की किल्लत से जो हालात पैदा हुए हैं, उससे लघु, मध्यम ग्रामीण और कृषि उद्योग को संकट का सामना करना पड़ रहा है। निचले स्तर पर नकदी की सप्लाई जल्द सामान्य न हुई तो हालात बिगडऩे लगेंगे।

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