labour law

जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आव्हान पर सरकार की दमनकारी नीतियों एवं लगातार कर्मचारियों को मिल रही सुविधाओं को छीन कर आर्थिक नुकसान पहंुचाने के खिलाफ, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू करवाने सहित महासंघ के 15 सूत्रीय मांग-पत्र के समर्थन मंे 07 अप्रेल 2017 को प्रस्तावित रैली में भाग लेने हेतु दूर-दराज के जिलों से भारी संख्या में कर्मचारी वाहन एवं अन्य साधनों से रवाना हो गये है। रैली में हजारों कर्मचारियों के भाग लेने की संभावना है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया ने बताया कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों का मूंहतोड जवाब देने के लिए प्रदेश के कोने-कोने से, गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में कार्यरत कर्मचारी एवं संविदा, ठेका एवं समेकित वेतन आधारित व्यवस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी रैली में भाग लेने हेतु रवाना हो गये है। महासंघ ने राज्य सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु जरिये ज्ञापन, धरने, प्रदर्शन के माध्यम से सूचित करने का बहुत प्रयास किया है परन्तु सरकार की नींद अभी तक नहीं खुली है। रैली के माध्यम से हजारों कर्मचारी राजधानी जयपुर में पहंुचकर विरोध दर्ज करायेंगे। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के.के. गुप्ता एवं मूलचन्द गुजर्र ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार की कर्मचारी संगठनों के साथ संवादहीनता कर्मचारी आंदोलन का मुख्य कारण है. उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने कर्मचारी मांगो को अब भी पूर्व की भांति नजर अंदाज किया तो कर्मचारी महासंघ आंदोलन को तेज करेगा एवं कर्मचारियों की मांगे मानी जाने तक आंदोलन के सभी चरण पूरे करेगा। आंदोलन से आम जनता को होने वाली असुविधा के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

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