नई दिल्ली. अमेरिका ने भारत पर एडिशनल 25% टैरिफ लगाने का ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया। भारतीय समय के अनुसार यह टैरिफ बुधवार यानी 27 अगस्त को सुबह 9:31 बजे लागू हो जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त को रूस से तेल खरीद पर जुर्माने के तौर पर इस टैरिफ का ऐलान किया था। वहीं, व्यापार घाटे का हवाला देकर 7 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया था। यानी अब अमेरिका निर्यात होने वाले भारतीय सामानों पर कुल टैरिफ 50% तक हो जाएगा। मंगलवार को जारी आदेश में लिखा है, ‘जो ड्यूटी इस दस्तावेज की सूची में बताई गई है, वह भारत से आने वाली चीजों पर लागू होगी। ये चीजें या तो अमेरिका में इस्तेमाल के लिए लाई जाएंगी या गोदाम से इस्तेमाल के लिए निकाली जाएंगी। जिन इंडस्ट्रीज पर असर होगा: ट्रम्प के टैरिफ से ज्वेलरी, टेक्सटाइल, ऑटो, सीफूड सेक्टर की इंडस्ट्रीज का मुनाफा घट सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका के साथ ट्रेड डील नहीं होती है या टैरिफ कम नहीं होता है तो 48.2 अरब डॉलर के निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।
जिन पर टैरिफ का असर नहीं: अमेरिका के इस टैरिफ का असर आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री पर नहीं होगा। अभी इलेक्ट्रॉनिक्स को सेक्शन 232 के तहत छूट मिली है। जब तक इसकी घोषणा नहीं होती तब तक अमेरिका को निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं फार्मा पर मौजूदा टैरिफ 0% है, लेकिन ट्रम्प ने 18 महीने में 150% और बाद में 250% टैरिफ की धमकी दी है। जब तक ये लागू नहीं होता तब तक छूट मिलती रहेगी। आईटी इंडस्ट्री सर्विस सेक्टर का पार्ट है इसलिए वो भी इस 50% टैरिफ के दायरे में नहीं आती है।
नौकरियां जाने का खतरा: सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से अमेरिका को सबसे ज्यादा ज्वेलरी, कपड़े, मशीनरी और केमिकल एक्सपोर्ट किए जाते हैं। 50% टैरिफ से अमेरिका में ये चीजें महंगी हो जाएंगी और वहां से ऑर्डर मिलने कम हो जाएंगे। ऑर्डर कम होने से कंपनियों को अपना प्रोडक्शन घटाना पड़ेगा, जिससे छंटनी हो सकती है। यानी इन सेक्टर्स में नौकरियां जाने का खतरा है। हालांकि किस सेक्टर से कितनी नौकरियां जाएंगी, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।
सरकार की कमाई और जीडीपी घटेगी: 50% टैरिफ लगने से अमेरिका को होने वाला निर्यात कम हो जाएगा। इससे सरकार को निर्यात से होने वाली कमाई में कमी आएगी। वहीं एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 0.2% से 0.6% तक कम हो सकती है। इसके अलावा सरकार को अपनी व्यापार नीति में बदलाव करना पड़ सकता है।
50 देशों के लिए नई निर्यात रणनीति: सरकार को अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए यूरोप, रूस या अन्य देशों में व्यापार बढ़ाना होगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प के टैरिफ लगाने के बाद भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने लगभग 50 देशों के लिए नई निर्यात रणनीति बनाई है। इसके तहत भारत अब चीन, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के बाजारों पर फोकस करेगा।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स की कोशिश: आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के साथ भारत ट्रेड डील कर चुका है। ये 1 अक्टूबर से लागू होगी। ब्रिटेन के साथ डील अगले साल अप्रैल से लागू हो सकती है। ओमान, चिली, पेरू, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय संघ से बातचीत जारी है।
इंडस्ट्री बेस्ड मार्केट की तलाश: रिपोर्ट के मुताबिक भारत सीफूड के लिए रूस, यूके, यूरोपीय यूनियन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और दक्षिण कोरिया पर फोकस कर रहा है। वहीं हीरे और आभूषण के लिए वियतनाम, थाईलैंड, मलेशिया और अफ्रीका जैसे बाजारों की ओर रुख कर रहा है।






























